राज्य के मेडिकल कॉलेजों से एमबीबीएस की पढ़ाई करने के बाद स्वास्थ्य विभाग में नौकरी करने वाले 50 से अधिक डॉक्टरों ने पीजी कोर्स करने के लिए नौकरी छोड़ दी है। जिसके चलते उप जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में परेशानियां बढ़ गई हैं।
सीएमओ डॉ. मनोज कुमार उप्रेती का कहना है कि डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए प्रस्ताव स्वास्थ्य महानिदेशालय को भेजा जा चुका है। स्वास्थ्य विभाग के ही आंकड़ों पर नजर डाले तो जिला अस्पताल कोरोनेशन के अलावा ऋषिकेश, विकास नगर, प्रेमनगर और मसूरी जैसे उपजिला अस्पतालों और 48 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में मानकों के अनुरूप 294 डॉक्टरों की नियुक्ति का प्रावधान है।
फिलहाल इन तमाम सरकारी अस्पतालों में 251 डॉक्टरों की तैनाती है। ऐसे में विभाग में 43 डॉक्टर जिनमें कई विशेषज्ञ शामिल हैं उनके पद खाली हैं। इस बीच जिले के विभिन्न अस्पतालों में तैनात 50 से अधिक डॉक्टरों का पीजी कोर्स के लिए चयन हो गया है। जिस पर इन डॉक्टरों ने नौकरी छोड़ दी है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज कुमार उप्रेती ने बताया कि फिलहाल विभाग के पास जितने डॉक्टर उपलब्ध हैं उनकी मदद से मरीजों का इलाज किया जा रहा है।