एसआईटी के पास गवाहों के बयानों को साबित करने के लिए कई इलेक्ट्रोनिक और फोरेंसिक साक्ष्य भी मौजूद हैं। हालांकि, इन सबसे महत्वपूूर्ण पुलकित व पुष्प के मोबाइल की सीडीआर (कॉल डिटेल रिकॉर्ड) और कॉल रिकॉर्डिंग मानी जा रही है। हत्या की रात में पुष्प से हुई बाचतीत में पुलकित ने कोरा झूठ बोला था।

एक घंटे से भी ज्यादा की इस रिकॉर्डिंग में पुलकित ने पुष्प को धमकाने का भी प्रयास किया था। एसआईटी ने चार मोबाइलों को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा था। इनमें पुलकित का दूसरा मोबाइल (मुख्य मोबाइल जो पानी में फेंका था), अंकित, पुष्प और सौरभ के मोबाइल शामिल हैं।

पिछले दिनों चंडीगढ़ केंद्रीय फोरेंसिक लैब से इन सभी की जांच रिपोर्ट भी एसआईटी को मिल चुकी है। अधिकारियों के मुताबिक इन सभी में सबसे महत्वपूर्ण पुष्प और पुलकित के बीच हुई बातचीत है। इससे तीनों आरोपियों पर लगाए गए आरोपों की पुष्टि हो रही है।

पुलिस के सामने पुलकित ने कहा था कि उसने अंकिता को धक्का दे दिया लेकिन घटना के कुछ देर बाद ही वह पुष्प से बातचीत कर रहा है कि उसे अंकिता का कुछ पता नहीं। यह सब उसने झूठ बोला। यह सब तथ्य उसके खिलाफ जा रहे हैं। इनसे उस पर लगे आरोपों को बल मिलेगा।

विसरा रिपोर्ट को भी चार्जशीट में शामिल किया गया है लेकिन इसमें कोई खास जानकारी पुलिस को नहीं मिली है। मौत का कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट में स्पष्ट न होने के कारण अंकिता के विसरा को जांच के लिए भेजा गया था।

रिजॉर्ट के कुछ सीसीटीवी कैमरे खराब थे। जबकि, कुछ चालू हालत में थे। एसआईटी ने इन सबके फुटेज भी निकाले थे। इसके अलावा चीला पावर हाउस के पास वाले सीसीटीवी कैमरों की फुटेज अहम साबित होंगी।

इनमें अंकिता आरोपियों के साथ जाती तो दिख रही है लेकिन वापस आते वक्त नहीं दिखी। तीनों आरोपी दो दोपहिया वाहनों पर आते दिख रहे हैं। ऐसे में 11 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को साक्ष्यों की सूची में शामिल किया है।

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