हल्द्वानी : उत्तराखंड के चिकित्सा शिक्षा व स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कहा कि सरकार के पैसे से एमबीबीएस, एमडी व एमएस करने वाले डाक्टरों के लिए बांड तोड़ना अब आसान नहीं होगा।
अब एमबीबीएस के बाद पांच साल तक दूरस्थ क्षेत्रों में नौकरी नहीं की तो एक करोड़ रुपये और एमडी-एमएस करने के बाद दो साल नौकरी नहीं करने पर ढाई करोड़ रुपये तक जमा करना होगा।
राज्य में निर्धारित अवधि तक सेवाएं देने का बांड भरते हैं
उत्तराखंड के सरकारी मेडिकल कालेज में कम शुल्क पर ऐसे मेडिकल छात्रों को प्रवेश दिया जाता है, जो पासआउट होने के बाद राज्य में निर्धारित अवधि तक सेवाएं देने का बांड भरते हैं।
पूर्व में ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें बांडधारी डाक्टरों ने बांड की शर्तों का अनुपालन नहीं किया। इससे राज्य में डाक्टरों की कमी को पूरा करने में सरकार को मुश्किलें पेश आ रही हैं।
बायोमेट्रिक उपस्थिति के साथ ही सीसीटीवी अनिवार्य किया जाएगा
स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह ने कहा कि राज्य में 2023 तक सर्जनों की कमी पूरी हो जाएगी। सभी अस्पतालों में बायोमेट्रिक उपस्थिति के साथ ही सीसीटीवी अनिवार्य किया जाएगा।