जोशीमठ भू-धंसाव प्रभावितों के पुनर्वास और मुआवजे के लिए सरकार अलग नीति बना सकती है। इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में 13 जनवरी को कैबिनेट की विशेष बैठक बुलाई गई है। प्रदेश में आपदा प्रभावितों को सरकार आपदा एवं राहत मैन्युअल के तहत राहत राशि देती है।
पर्वतीय क्षेत्रों में आवास क्षतिग्रस्त पर 1,01,900 रुपये, मैदानी क्षेत्रों में 95,000 रुपये की मदद दी जाती है। जोशीमठ की आपदा में लोगों को भारी नुकसान हो रहा है। इसके लिए सरकार को अलग से प्रभावितों के पुनर्वास के लिए नीति बनाने की जरूरत होगी।
इससे पूर्व जमरानी बांध परियोजना समेत कई मामलों में सरकार इस तरह अलग से नीति बनाकर मदद दे चुकी है। कैबिनेट की बैठक में खतरे की जद में आए परिवारों के पुनर्वास से लेकर आपदा के मानकों में शिथिलीकरण और सहायता राशि बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है।
इसके साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में धारण क्षमता पर नए निर्माण को लेकर भी मंजूरी मिल सकती है। सूत्रों का कहना है कि जोशीमठ में यदि भू-धंसाव की स्थिति और बढ़ती है और इससे मुख्य मार्ग भी प्रभावित होता है तो ऐसे में बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब के लिए वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था पर भी विचार किया जा सकता है।
प्रभावित परिवारों का पुनर्वास नए मकान बनाना संभव नहीं
आमतौर पर आपदा से होने वाले नुकसान पर सरकार की ओर से आपदा एवं राहत मैनुअल के प्रावधानों के तहत प्रभावितों को राहत राशि दी जाती है, लेकिन इस राशि से बेघर हो चुके जोशीमठ के प्रभावित परिवारों का पुनर्वास और नए मकान बनाना संभव नहीं है।
सरकार जोशीमठ के लिए विशेष राहत पैकेज के लिए नीति बना सकती है। हालांकि, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रभावितों को बाजार रेट पर मुआवजा देने की घोषणा कर चुके हैं। सीएम के मुताबिक, जोशीमठ आपदा से प्रभावित परिवारों के लिए बेहतर पुनर्वास की व्यवस्था की जाएगी, जो देश के लिए नजीर बन सके।
सीएम आज पुनर्वास पैकेज समिति की लेंगे बैठक
सीएम पुष्कर सिंह धामी 12 जनवरी को आईटीबीपी सभागार जोशीमठ में पुनर्वास पैकेज निर्धारित करने के लिए गठित समिति की बैठक लेंगे। इसके अलावा सेना और आईटीबीपी के अफसरों संग बैठक करेंगे।
सीएम एनडीआरएफ के अफसरों संग बैठक में भू-धंसाव की जांच में लगे कई केंद्रीय संस्थानों के वैज्ञानिकों के साथ बैठक करेंगे। प्रभावित परिवारों को राहत सामग्री व पुनर्वास को लेकर जिला प्रशासन, पुलिस व अन्य जरूरी सेवाओं के जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ भी स्थिति की समीक्षा करेंगे। इसके बाद सीएम पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के साथ भी बैठक करेंगे।