जोशीमठ: आपदाग्रस्त जोशीमठ के सिंहधार वार्ड में अब आबादी की ओर झुकी भारी-भरकम शिला के पास हुए भूस्खलन ने स्थानीय निवासियों की चिंता बढ़ा दी है। शिला के पास 20 मीटर के दायरे में भारी भूस्खलन हुआ है। इससे शिला के नीचे लगाई टेकों में से एक टेक के नीचे भी भूमि पर दरारें आई है।

गनीमत इस बात की है कि शिला अभी अपने स्थान पर स्थिर है। इस शिला के नीचे एक किमी के दायरे में गिरसी व रामकलूड़ा मोहल्ले के साथ ही जेपी कालोनी व मारवाड़ी की बड़ी आबादी निवास करती है। जिसकी सुरक्षा के लिए अभी तक किसी भी तरह की पहल नहीं हुई है। ऐसे में आशंका जताई जा रही कि शिला का खिसकना इस आबादी को संकट में डाल सकता है।

भूधंसाव के चलते दरारें लगातार बढ़ रही हैं
जोशीमठ का सिंहधार वार्ड आपदाग्रस्त घोषित है। यहां भूधंसाव के चलते दरारें लगातार बढ़ रही हैं और 156 भवनों पर लाल निशान लग चुके हैं। इनमें से 98 खतरनाक की श्रेणी में हैं। यहां रहने वाले सभी परिवार अपने पुश्तैनी घर छोड़कर राहत शिविर या अन्य सुरक्षित स्थानों पर शरण लिए हुए हैं।

पिछले दिनों यहां 20-22 फीट ऊंची और 10-12 फीट चौड़ी शिला आबादी की ओर झुक गई। इस शिला को खिसकने से रोकने के लिए सीबीआरआइ रुड़की की तकनीकी टीम की सलाह पर लोनिवि ने उसके निचले हिस्से में लोहे के पाइपों की टेक लगाई हुई है।

रविवार को शिला के आसपास भूस्खलन होने के बाद से स्थानीय निवासियों में दहशत व्याप्त है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि शिला के आसपास करीब 500 मीटर के दायरे में जमीन पर कई जगह दरारें आई हैं। उनका कहना है कि इस शिला के आसपास मौजूद कुछ अन्य शिलाएं भी खिसक रही हैं।

यहां बने भवनों को भी लगातार नुकसान पहुंच रहा है। हरीश लाल, ऋषिदेवी, गिरीश लाल और दिनेश लाल के भवनों का बरामदा करीब चार फीट तक नीचे धंस गया है। भवनों की दीवारें भी तिरछी हो रही हैं। प्रभावितों ने प्रशासन से तत्काल सुरक्षा के प्रबंध करने की गुहार लगाई है।

आबादी की सुरक्षा के लिए नहीं किए गए कोई उपाय
इस शिला से महज 30 मीटर नीचे गिरसी मोहल्ला है, जबकि 300 मीटर नीचे रामकलूड़ा मोहल्ला व जेपी कालोनी बसे हुए हैं। शिला से लगभग एक किमी नीचे मारवाड़ी पड़ता है। इन सभी स्थानों पर सैकड़ों परिवार रह रहे हैं। ऐसे में शिला के पास भूस्खलन होने से इस बड़ी आबादी की सांस अटकी हुई है।

स्थानीय निवासियों का आरोप है शिला पर टेक लगाकर प्रशासन व लोनिवि अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो गए हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा के लिए अभी तक कोई कदम नहीं उठाए गए। जबकि, सिंहधार वार्ड पूरी तरह असुरक्षित घोषित है और यहां लगातार जमीन दरक रही है। ऐसी स्थिति में अगर शिला खिसकी तो अनहोनी घट सकती है।

गांधी नगर में भी खिसक रहीं तीन शिलाएं
बदरीनाथ हाईवे से लगे गांधी नगर में भी स्यालकु लाल के मकान के ऊपर और देवेंद्र लाल व हरीश लाल के मकान के नीचे तीन शिलाएं खिसक रही हैं। शिलाओं की ऊंचाई छह से सात फीट तक और चौड़ाई तीन से चार फीट तक है।

बताया जा रहा है कि पिछले दो-तीन दिन में शिलाएं एक फीट से अधिक का स्थान परिवर्तन कर चुकी हैं। इस क्षेत्र में 20 से अधिक परिवार रहते हैं। शिकायत के बावजूद शिलाओं को रोकने के लिए कोई प्रबंध नहीं किए जाने से इन परिवारों में भी नाराजगी है। गांधी नगर के नीचे की तरफ भी जमीन पर दरारें आने से एक शिला जोशीमठ महाविद्यालय की तरफ झुक गई है।

सिंहधार में शिला के नीचे दरारें आई हैं, जिससे एक टेक प्रभावित हुई है। लेकिन, शिला सुरक्षित है। उसकी लगातार निगरानी की जा रही है।

-विजय कुमार, अवर अभियंता, लोनिवि

मनोहर बाग में भवन झुका
नगर में भूधंसाव के कारण भवनों का झुकना भी जारी है। अब मनोहर बाग क्षेत्र में मदन कपरवाण का एक मंजिला मकान जमीन धंसने के कारण एक तरफ झुक गया है। खतरे की जद में होने के कारण मदन कपरवाण ने घर को कुछ दिन पहले ही खाली कर दिया था, फिलहाल वह परिवार समेत राहत शिविर में शरण लिए हुए हैं। मनोहर बाग में ही जोशीमठ-औली रोपवे के पहले टावर के पास तारेंद्र परमार के घर से कुछ दूरी पर जमीन पर दरारें बढ़ी हैं। यहां तीन जगह गड्ढे भी हुए हैं।

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