फर्जी डिग्रियां छापने वाली मुजफ्फरनगर की प्रिंटिंग प्रेस और कंसलटेंसी ऑफिस को पुलिस ने सील कर दिया है। यहां से कुछ दस्तावेज और फर्जी डिग्रियां भी बरामद हुई हैं। बताया जा रहा है कि यह ऑफिस 1999 से चल रहा है। इस मामले में अब तक 55 फर्जी डॉक्टरों की पहचान हो चुकी है।
इनमें से पुलिस ने 14 को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि, इन्हें डिग्री बेचने वाले मास्टरमाइंड इमलाख और उसका भाई भी पुलिस के हत्थे चढ़ चुका है। आरोपियों से पूछताछ में पुलिस को पता चला था कि ये फर्जी डिग्रियां मुजफ्फरनगर स्थित बाबा कंसलटेंसी ऑफिस में बनी प्रिंटिंग प्रेस में छापी जा रही थीं। इसके लिए मंगलवार को पुलिस टीम मुजफ्फरनगर पहुंची थी।
सीओ नेहरू कॉलोनी अनिल कुमार जोशी ने बताया कि मुजफ्फरनगर प्रशासन के साथ मिलकर इस ऑफिस को सील कर दिया गया है। यहां से काफी दस्तावेज और कुछ फर्जी डिग्रियां भी बरामद हुई हैं। इन सबकी जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि मामले में भारतीय चिकित्सा परिषद की उत्तर प्रदेश शाखा को भी पत्र लिखा गया है। ताकि, उत्तर प्रदेश में भी इस तरह के डॉक्टरों का सत्यापन किया जा सके।