देहरादून: तीन व्यक्तियों ने अलग-अलग नाम से गलत पते दर्शाकर अपनी फर्में खोली, कुछ ही महीनों में करीब 120 करोड़ रुपये का कारोबार दिखाया। सीजीएसटी (सेंट्रल गुड एंड सर्विसेज टैक्स) ने जब व्यापारिक लेनदेन की जांच की तो उनका पता फर्जी पाया गया।
शहर कोतवाली पुलिस ने तीनों फर्म के मालिकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। सीजीएसटी के अधिकारियों की मानें तो इन तीनों आरोपितों ने केंद्र सरकार को करीब 24 करोड़ रुपये की वित्तीय हानि पहुंचाई है।
21 अप्रैल 2022 को हुआ था फर्म का पंजीकरण
निरीक्षक सीजीएसटी नेहरू कालोनी अंशुल बड़वाल पुलिस को दी तहरीर में बताया कि केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर में आनलाइन आवेदन के माध्यम से मैसर्स ठाकुर ट्रेडर्स के नाम से प्रोपराइटर संजय ठाकुर ने जीएसटी में अपनी फर्म को पंजीकृत किया। फर्म का पंजीकरण 21 अप्रैल 2022 को हुआ था।
कुछ महीनों में ही फर्म की ओर से 120 करोड़ रुपये का व्यापार दिखाया गया। अचानक हुए इस बड़े व्यापारिक लेनदेन को सीजीएसटी कर अपवंचन शाखा की टीम को संदेह हुआ। इस पर टीम ने फर्म की ओर से दिए गए पते संजय ठाकुर निवासी इंद्रा कालोनी नेशविला रोड पर जाकर जांच की तो पता चला कि यहां संजय ठाकुर नाम का कोई व्यक्ति रहता ही नहीं है।
उन्होंने बताया कि उक्त फर्म की ओर से लेनदेन में दर्शाए गए मैसर्स एरामत इंटरप्राइसेस चुक्खुवाला बकरावाला रोड के प्रोपराइटर शाहरुख मोहम्मद, मैसर्स एसके ट्रेडर्स नेशविला रोड के प्रोपराइटर सुनील कुमार के पते भी फर्जी पाए गए।
तीनों फर्मों मैसर्स ठाकुर ट्रेडर्स प्रोपराइटर संजय ठाकुर, मैसर्स एरामत इंटरप्राइसेस के प्रोपराइटर शाहरुख खान और मैसर्स एसके ट्रैडर्स नेशविला रोड के प्रोपराइटर सुनील कुमार ने मिलकर फर्जी कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर करीब 120 करोड़ रुपये का लेनदेन किया, जिससे भारत सरकार को करीब 24 करोड़ रुपये की वित्तीय हानि पहुंचाई हुई। शहर कोतवाल विद्याभूषण नेगी ने बताया कि तीनों फर्मों के मालिकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।