त्यूनी में लकड़ी के चार मंजिला घर में आग लगने से बृहस्पविार को चार मासूम जिंदा जल गए थे। हादसा रसोई गैस सिलिंडर बदलते समय हुआ था। चार सिलिंडर एक के बाद एक धमाके साथ फटे तो पूरा क्षेत्र दहल गया। फायर ब्रिगेड की टीम ने आग बुझाने का प्रयास किया लेकिन वाहन में पानी कम होने से काफी समय लग गया। ग्रामीणों की कोशिश भी नाकाम साबित हुई और देखते-देखते पूरा घर जलकर राख हो गया।
शुक्रवार सुबह जिलाधिकारी निरीक्षण के लिए पहुंची। त्यूनी में शिक्षा विभाग से सेवानिवृत कर्मचारी सूरतराम जोशी का लकड़ी का चार मंजिला घर सड़क के किनारे स्थित है। इसमें मकान मालिक के साथ ही पांच परिवार किराये पर रहते हैं। बृहस्पतिवार शाम को घर के अंदर किराये पर रहने वाले पांच बच्चे, दो पुरुष और एक महिला थी।
घटनाक्रम के मुताबिक, करीब चार बजे किराये पर रहने वाले विक्की की पत्नी कुसुम किचन में रसोई गैस सिलिंडर बदल रही थीं। इसी दौरान अचानक सिलिंडर ने आग पकड़ ली। हड़बड़ाहट में कुसुम ने आग बुझाने का प्रयास किया लेकिन आग ने लकड़ी से बने मकान को चपेट में लेना शुरू कर दिया।
चार सिलिंडर एक के बाद एक धमाके के साथ फटे
किराये पर रहने वाले अन्य परिवारों के सदस्यों के शोर मचाया तो आसपास के ग्रामीण पहुंच गए। उधर, सूचना पाकर मौके पर पहुंची स्थानीय फायर ब्रिगेड की टीम ने आग बुझाना शुरू किया। लेकिन, वाहन में पानी कम होने के कारण वह दस मिनट में ही खत्म हो गया। आग विकराल हुई तो घर में रखे चार सिलिंडर एक के बाद एक धमाके के साथ फटे। जब तक फायर बिग्रेड की टीम पानी लेकर वापस आई, आग ने पूरे घर को अपनी चपेट में ले लिया था।
इससे अंदर मौजूद चार बच्चों की मौत हो गई। वहीं, विक्की चौहान, भगत, कुसुम और स्वाती (15) झुलस गए। गनीमत रही कि वे किसी तरह बाहर निकल आए। इनमें कुसुम की हालत गंभीर देख हायर सेंटर रेफर किया गया है। उधर, डीएम देहरादून के कहने पर उत्तरकाशी के डीएम ने एक अग्निशमन वाहन मोरी से भेजा। एक वाहन हिमाचल प्रदेश के जुबल से भी बुला लिया गया। लेकिन, तब तक मकान राख हो चुका था।