टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड में 25 फीसदी हिस्सेदारी की कानूनी जंग जीतने के लिए उत्तराखंड सरकार ने पूरी ताकत लगा दी है। सचिव ऊर्जा, सचिव वित्त और सचिव सिंचाई की ओर से उच्चतम न्यायालय में शपथ पत्र दाखिल कर दिए गए हैं। उत्तर प्रदेश ने शपथपत्र दाखिल करने के लिए छह हफ्ते का समय मांगा है।
कोर्ट ने 25 जुलाई की तारीख तय की है। सचिव ऊर्जा आर. मीनाक्षी सुंदरम के मुताबिक, न्यायालय इस मामले में चरणबद्ध ढंग से कार्यवाही करेगा। कई वर्षों की सुस्ती के बाद उत्तराखंड सरकार की पहल पर टीएचडीसी की हिस्सेदारी की लड़ाई में तेजी दिखी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इस जंग को निर्णायक मुकाम तक पहुंचाने के पक्षधर हैं। उन्होंने शासन को सुप्रीम कोर्ट में मजबूती और पूरी सक्रियता के साथ पैरवी करने के निर्देश दिए हैं।
हो चुका है मुद्दों का निर्धारण
उत्तराखंड सरकार की पहल पर उच्चतम न्यायालय ने हिस्सेदारी प्रकरण के मुद्दों का निर्धारण कर दिया है। न्यायालय ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार को मुद्दे निर्धारित करने के लिए कहा था। उत्तराखंड सरकार ने तय समय पर मुद्दे निर्धारित कर दिए। यूपी को न्यायालय ने सिर्फ एक दिन का समय दिया। वह मुद्दों का निर्धारण का कोई बिंदु नहीं दे सका।
शपथपत्र देने में भी पीछे
मुद्दों का निर्धारण करने में नाकाम रहा उत्तर प्रदेश न्यायालय में शपथपत्र भी नहीं दे सका। इसके लिए उसने न्यायालय से समय मांगा। न्यायालय ने छह हफ्ते में शपथपत्र दाखिल करने को कहा है।
कोर्ट में मौखिक साक्ष्य और फिर होगी बहस
तीसरे चरण में न्यायालय में मुख्य परीक्षण और जिरह होगी। सभी विभागीय सचिवों के मौखिक साक्ष्य होंगे। इसके साथ ही दोनों राज्यों के अधिवक्ता एक-दूसरे का प्रति परीक्षण कर सकते हैं। इसके बाद बहस होगी और फिस फैसला आएगा। सुप्रीम कोर्ट का फैसला अंतिम होगा।
उत्तराखंड सरकार आश्वासन
उत्तराखडं सरकार को उम्मीद है कि न्यायालय से फैसला उसके पक्ष में आएगा। सचिव ऊर्जा के मुताबिक फैसला पक्ष में आने से राज्य सरकार को बड़ा वित्तीय लाभ होगा। प्रदेश सरकार को टीएचडीसी की राज्य और राज्य से बाहर सभी परियोजनाओं में 25 फीसदी हिस्सेदारी तय हो जाएगी।