उत्तराखंड राज्य आंदोलन की पहली महिला आंदोलनकारी सुशीला बलूनी का खड़खड़ी श्मशान घाट में पूर्ण सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। सुशीला बलूनी के पुत्रों ने उन्हें मुखाग्नि दी। उनकी अंतिम विदाई में विधायक, मंत्री सहित सैकड़ों लोग शामिल हुए। इस दौरान हर किसी की आंखें नम हो गई।
अंत्येष्टि से पूर्व हरिद्वार के एडीएम पी एल साह, एसडीएम पूरन सिंह राणा नगर विधायक मदन कौशिक और रविंद्र जुगराज समेत अनेक राज्य आंदोलनकारियों ने सुशीला बलूनी को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। सुशीला बलूनी को ‘गार्ड ऑफ़ ऑनर’ दिया गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी सुबह बलूनी के डोभालवाला स्थिति आवास पर जाकर उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पृथक उत्तराखंड के निर्माण में सुशीला बलूनी के योगदान को सदैव याद रखा जाएगा। उनका जनसंघर्ष प्रेरणा बनेगा और योगदान हमेशा प्रदेश के लोगों को हमेशा याद रहेगा। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने भी सुशीला बलूनी को श्रद्धांजलि दी।