हल्द्वानी। मोक्षदायिनी मां गंगा के पृथ्वी में अवतरण दिवस पर क्षेत्र में गंगा दशहरा पर्व धूमधाम से मनाया गया। लोगों ने घरों व प्रतिष्ठानों में गंगा द्वार पत्र लगाकर सुरक्षा की कामना की। वहीं नदियों व सरोवरों में लोगों ने आस्था की डुबकी लगाकर मंदिरों पर विशेष पूजा अर्चना की।

गंगा दशहरा को पृथ्वी में मोक्षदायिनी गंगा का अवतरण दिवस माना जाता है। हिंदू धर्मपरायण लोगों ने विशेष पूजा अर्चना की। पुरोहितों ने यजमानों के घरों और प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए द्वार पत्र लगाए। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है।

स्नान दान कर लोगों ने की पूजा
कहा जाता है कि द्वार पत्र लगाने से आवास और परिसर में दैवीय और प्राकृतिक बाधाओं से मुक्ति मिलती है। यहां तक कि वज्रपात से भी रक्षा होती है। इसी मंगलकामना के साथ मंगलवार को जिलेभर के विभिन्न हिस्सों में यह पर्व धूमधाम से मनाया गया। इससे पूर्व सरयू, गोमती, सरमूल-भद्रतुंगा आदि नदियों नदियों और पवित्र जलाशयों में स्नान दान कर लोगों ने विशेष पूजा अर्चना की।

जानिए क्यों मनाया जाता है गंगा दशहरा
पंडित चंद्रशेखर ने बताया कि हिंदू धर्म में मां गंगा को देवी का दर्जा दिया गया है। ऐसा कहा जाता है कि जब मां गंगा स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरित हुई थी तो वह जेष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि थी। तभी से इस अवसर को गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाता है।

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