मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड के मूल स्वरूप और डेमोग्राफी (जनसांख्यिकी) को खराब करने की कोशिश की जा रही है। इसे देखते हुए सख्त निर्देश दिए गए हैं कि जो भी प्रदेश में बाहर से काम करने आएगा। उसे पहले अपना सत्यापन करना होगा। वहीं जमीन की खरीदने के लिए भी सत्यापन प्रक्रिया पूर्ण करनी होगा।
सीएम ने यह बात जनपद के व्यापार मंडल, होटल एसोसिएशन और बार एसोसिएशन सहित पूर्व सैनिक संगठन और अन्य संगठनों के साथ विभिन्न मुद्दों की चर्चा के दौरान कही। नगर व्यापार मंडल के अध्यक्ष रमेश चौहान ने फड़, रेहड़ी सहित बाहरी व्यापारियों के सघन सत्यापन की मांग सीएम के सामने रखी। वहीं होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र मटूड़ा ने पंजीकरण व्यवस्था में सुधार सहित दयारा और वरूणावत टॉप रोपवे की मांग की।
शहर के कूड़े के हटाने की मांग की। वहीं चारधाम होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय पुरी ने कहा गुप्तकाशी में ऑफलाइन पंजीकरण काउंटर खोला जाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम आने का निमंत्रण देने की मांग रखी गई। वहीं पूर्व सैनिक संगठन के अध्यक्ष विरेंद्र सिंह नेगी ने वन रैंक वन पेंशन सहित शौर्य स्थल की सौंदर्यीकरण की मांग की। सीएम धामी ने कहा कि चारधाम यात्रा को व्यवस्थित करने सहित पर्यटन का बढ़ाने के लिए नई योजनाएं बनाई जा रही हैं।
पार्टी के जिलाध्यक्ष पर भेदभाव का लगाया आरोप
इसके बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जिला सभागार में भाजपा विधायकों सहित पार्टी के संगठन पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें संगठन की ओर से बैठक में शामिल होने वालों की 80 नामों की सूचना बनाई गई। इस पर पार्टी के कई वरिष्ठ और पूर्व संगठन पदाधिकारी सहित कार्यकर्ता नाराज हो गए। उन्होंने पार्टी के जिलाध्यक्ष पर भेदभाव का आरोप लगाया। कुछ देर तक जिला सभागार के नीचे बवाल करते रहे। सीएम बैठक समाप्त होने के बाद अपने काफिले के लिए रवाना हुए तो कार्यकर्ताओं ने उनके सामने भी नाराजगी जाहिर की। इस पर सीएम ने पार्टी कार्यकर्ताओं को परिवार के सदस्य बताकर मामला शांत किया।