किशोरी के अपहरण और दुष्कर्म के दोषी को कोर्ट ने 20 साल कठोर कैद की सजा सुनाई है। स्पेशल फास्ट ट्रैक जज पंकज तोमर की कोर्ट ने दोषी पर 52 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। इसमें से 45 हजार रुपये पीड़िता को देने होंगे।
शासकीय अधिवक्ता किशोर कुमार सिंह ने बताया कि डालनवाला थाना क्षेत्र के एक व्यक्ति ने 30 अगस्त 2018 को पुलिस से शिकायत की थी। उन्होंने बताया था कि सतेंद्र निवासी ग्राम अतौर, नकासा, जिला संभल उत्तर प्रदेश उनके साथ एक निर्माणाधीन भवन में काम करता था। 30 अगस्त को उनकी 13 साल की बेटी स्कूल जा रही थी।
इस दौरान सतेंद्र उसे बहला फुसलाकर अपने साथ ले गया। उन्होंने बेटी को काफी तलाशने की कोशिश की लेकिन वह नहीं मिली। इसके अगले दिन सतेंद्र के पिता का फोन आया कि वह उनकी बेटी को लौटाने आ रहे हैं। इसके लिए सतेंद्र के पिता ने नजीबाबाद आने के लिए कहा। व्यक्ति अपने साथियों को लेकर नजीबाबाद गए तो सतेंद्र के पिता का फोन बंद हो गया।
इसके बाद वह सतेंद्र के मूल आवास संभल चले गए। वहां उसकी मां ने बताया कि सतेंद्र के पिता लड़की को लेकर नजीबाबाद गए हैं। अभी वह रास्ते में ही थे कि सतेंद्र के पिता का फिर फोन आया और कहा कि वह अपनी लड़की की शादी सतेंद्र से कर दे। यदि नहीं कर सकते तो उसे ढूंढ ले। इसके बाद व्यक्ति अपने घर वापस आ गए। पुलिस ने उनकी बेटी को 27 अक्तूबर 2018 को आईएसबीटी से बरामद किया और सतेंद्र को गिरफ्तार कर लिया। लड़की ने बयान दिए कि सतेंद्र उसे स्कूल जाते वक्त अपने साथ ले गया था। वह उसे पहले अपने घर ले गया और फिर लखनऊ लेकर गया।
वहां उसने उसकी मर्जी के बगैर उसके साथ दुष्कर्म किया। इस दौरान उसने शादी का ड्रामा भी किया। जब वह तंग आ गई तो उसने भागने की कोशिश की। इसके बाद सतेंद्र डर गया और उसे देहरादून छोड़ने आ रहा था कि पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। अभियोजन की ओर से इस मुकदमे में 10 गवाह पेश किए गए। इनके आधार पर कोर्ट ने उसे दोषी करार दिया।