देहरादून। उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट चुकी भाजपा के लिए मध्य प्रदेश, राजस्थान व छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में मिली जीत नई ऊर्जा देने वाली है। इन तीन राज्यों की प्रचंड जीत से उत्तराखंड में भी भाजपा कार्यकर्ता उत्साहित हैं।

लोकसभा चुनाव में परचम फहराने के लिए पार्टी अपनी व्यूह रचना में इन राज्यों में मिली सफलता को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। पार्टी सूत्रों के अनुसार, लोकसभा चुनाव से पहले इस जीत को सेमीफाइनल के तौर पर जनता के सामने रखने की रणनीति को लेकर मंथन भी शुरू हो गया है।

पांच लोकसभा सीटों वाले उत्तराखंड में भाजपा वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से अजेय बनी हुई है। तब से लेकर अब तक के प्रत्येक चुनाव में पार्टी परचम फहराती आई है। चाहे विधानसभा चुनाव हों अथवा अन्य, सभी में वह जनता की चहेती बनी है।

पार्टी के सामने जीत की हैट्रिक की चुनौती
अब लोकसभा चुनाव में पार्टी के सामने हैट्रिक बनाने की चुनौती है। इसे देखते हुए पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के मार्गदर्शन में भाजपा ने फील्डिंग भी लगा दी है। अपने सांसदों से लेकर ग्राम प्रधानों तक सभी जनप्रतिनिधियों को पार्टी जिम्मेदारी सौंप चुकी है तो प्रांतीय व अन्य नेताओं को भी मोर्चे पर लगाया गया है।

बूथ जीता-चुनाव जीता के मूलमंत्र पर आगे बढ़ते हुए बूथ सशक्तीकरण के लिए बड़े नेताओं को लगाया गया है। प्रत्येक बूथ पर पन्ना प्रमुखों की तैनाती की जा रही है तो समाज में प्रभाव रखने वाले व्यक्तियों से संपर्क का क्रम तेज किया गया है। अब जबकि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में चार के नतीजे घोषित हुए तो तीन बड़े राज्यों में मिली सफलता से यहां भी पार्टी कार्यकर्ताओं के चेहरे खिल उठे हैं।

इन राज्यों में भाजपा को मिली जीत में मोदी फैक्टर की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उत्तराखंड से भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विशेष अनुराग है। वह समय-समय पर इसे प्रदर्शित भी करते आए हैं। इस सबके चलते उत्तराखंड में भी पार्टीजनों में नई ऊर्जा का संचार हुआ है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि तीन राज्यों की जीत उत्तराखंड में आने वाले चुनावों में नया जोश व उत्साह भरने का काम करेगी।

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