पश्चिमी यूपी की एक जेल में बंद लुटेरी दुल्हन ने खुद के एचआईवी संक्रमित होने की बात छिपाते हुए कई लोगों की जान जोखिम में डाल दी है। उसके संपर्क में आए तीन लोग भी संक्रमित पाए गए हैं। इस खबर का पता चलने पर जाने-अंजाने उसके संपर्क में आए लोग दहशत में है। स्वास्थ्य विभाग ऐसे लोगों से एहतियातन जांच कराने के लिए कह रहा है। साथ ही महिला के संपर्क में आए लोगों को ट्रेस करने में भी जुटा है।
जिले की एक महिला शादी के नाम पर धोखाधड़ी और चोरी के गिरोह में शामिल थी। यह महिला अपने रिश्तेदारों के साथ मिलकर पहले शादी करती थी और फिर ससुराल से जेवर सहित कीमती सामान लेकर चंपत हो जाती थी। पश्चिम यूपी के एक जिले में हुई वारदात के बाद पुलिस ने एक महीने पहले महिला सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया था। कुछ समय पहले भारत सरकार के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने इंडेक्स टेस्टिंग अभियान चलाया था। पूर्व में संक्रमित होकर दवा नहीं लेने वालों की भी जानकारी जुटाई गई थी। इस सूची लुटेरी दुल्हन बनकर अपराध करने वाली महिला भी शामिल थी। दिसंबर में एक एनजीओ के जरिये स्वास्थ्य विभाग के पास महिला आई थी और जांच में संक्रमित पाई गई थी। तमाम कोशिशों के बाद भी उसने दवा खाने से इंकार कर दिया था और मोबाइल बंद कर गायब हो गई थी। कई दिन की पड़ताल में उसके जेल में होने का पता चला। मामला एचआईवी से जुड़ा होने की वजह से विभाग कुछ भी बताने से बच रहा है।
शादी कर पांच लोगों को ठग चुकी है महिला
पश्चिमी यूपी की जेल में बंद लुटेरी दुल्हन ने पुलिस को बताया था कि वह अब तक पांच शादी कर चुकी है। शादी की रात वह घर का सारा सामान समेटकर भाग जाती थी। बिचौलियों की मदद से गिरोह शादी के लिए अच्छे घर को चिह्नित करता था।
तो तबियत बिगड़ने पर दवा लेनी शुरू की
पश्चिमी यूपी की जेल में बंद लुटेरी दुल्हन ने जेल प्रशासन को खुद के संक्रमित होने की जानकारी दी है। इसके बाद संबधित जिले की एआरटी से उसको दवा दी जा रही है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि संपर्क में आए लोगों ने जरूरी सावधानी बरती होगी तो वह बीमारी से बच गए होंगे।
दिसंबर में एक महिला जांच के बाद संक्रमित पाई गई थी लेकिन उसने इलाज नहीं कराया और मोबाइल बंद कर संपर्क से दूर चली गई। अब पता चला है कि संबंधित महिला यूपी की जेल में बंद है। संबंधित जिले की चिकित्सा इकाई को इस बावत सूचित किया जा रहा है।
-डॉ. राजेश आर्या, नोडल अधिकारी, एचआईवी/ एड्स नियंत्रण कार्यक्रम।