देहरादून के न्यू पटेलनगर में सुखविंदर सिंह के घर बृहस्पतिवार को एक नहीं बल्कि दो ‘कत्ल’ हुए। सुखविंदर सिंह की पत्नी हरप्रीत ने पहले अपने अंदर की ममता को मारा और फिर प्रेमी संग मिलकर बेटी ममता का बेरहमी से गला घोंट दिया। कातिल मां पर हैवानियत इस कदर हावी रही कि बेटी की छटपटाहट भी उसे झकझोर न सकी।

झटपटाहट को काबू करने के लिए हरप्रीत के प्रेमी नितिन ने ममता के हाथ पैर पकड़ लिए। इस तरह कभी जिस बेटी को लोरियां गाकर सुलाया, आज उसे मौत की नींद भी सुला दिया। मां की इस हैवानियत से बगल के कमरे में सो रहे ममता के दो भाई-बहन भी अनजान थे। ममता सुखविंदर की सबसे बड़ी बेटी थी।

उसकी एक बहन 15 वर्ष और एक भाई सात साल का है। ममता ने दो साल पहले ही इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की थी। इसके बाद वह कहीं नौकरी करने लगी, लेकिन, वहां से नौकरी छोड़ने के बाद कुछ दिनों तक वह घर पर रही। चार दिन पहले ही उसने एक सराफ की दुकान पर नौकरी शुरू की थी। ममता घर के सारे कामों में हाथ बंटाती थी। नितिन का घर आना जाना उसे पसंद नहीं था।

वह जिस तरह से उसकी मां से बातें और हरकतें करता था, वह उसे अखर रही थीं। इस बात को उसने अपने पिता को बता दिया। दोनों के बीच झगड़ा हुआ और तभी से वह अपनी मां की आंखों में चढ़ गई। ममता ने चार दिन पहले मां को नितिन के साथ देखा तो वह बेहद परेशान रहने लगी।

अपनी मां से रोज इसी बात को लेकर नाराजगी जताती थी। इसी बात को लेकर हरप्रीत ने ठान लिया कि अब वह ममता को अपने रास्ते से हटा देगी। रोज तीनों भाई-बहन एक ही कमरे में सोते थे, लेकिन बुधवार रात हरप्रीत ने सब अपनी साजिश के अनुसार किया। दोनों छोटे बच्चों को दूसरे कमरे में सुला दिया।

इसके बाद बृहस्पतिवार की सुबह करीब साढ़े चार बजे हरप्रीत ने प्रेमी के साथ हैवानियत का खेल खेला। बच्चों को आवाज न पहुंचे इसके लिए बाहर से दरवाजा बंद कर दिया। दूसरे कमरे में ममता सोई हुई थी, उसका दुपट्टा पास में ही मेज पर रखा था।

पहले हाथ से गला घोंटने का इरादा था, लेकिन बाद में प्रेमी ने उसे कहा कि आत्महत्या का रूप देने के लिए दुपट्टे से गला घोंटा जाए। जिस बेटी को 20 बरस पाला उसका गला घोंटते वक्त एक बार भी न हरप्रीत के हाथ कांपे न उसके दिल-दिमाग ने आवाज दी। शायद यही बात है कि हरप्रीत ममता को मारने से पहले अपने अंदर की ममता का गला घोंट चुकी थी।

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