उत्तरकाशी। गंगोत्री नेशनल पार्क क्षेत्र में गंगोत्री-गोमुख ट्रेक पर चीड़वासा के पास गदेरे में पानी बढ़ने से अस्थायी पुलिया क्षतिग्रस्त हो गई। इस दौरान दिल्ली निवासी तीन कांवड़ यात्री बह गए। एक कांवड़ यात्री किसी तरह बाहर निकल आया, जबकि दो अन्य का पता नहीं चल पाया।
वन विभाग की टीम देर शाम तक उनकी खोजबीन करती रही। शुक्रवार को फिर से कांवड़ यात्रियों की तलाश की गई।
एसडीआरएफ टीम उप निरीक्षक सावर सिंह के साथ आवश्यक रेस्क्यू उपकरणों के साथ तत्काल घटनास्थल के लिए रवाना हुई। एसडीआरएफ टीम द्वारा लगभग 08 किमी पैदल दूरी तय कर घटनास्थल पर पहुंचकर त्वरित कार्यवाही करते हुए आठ पर्यटकों को सकुशल निकाल लिया गया है। रेस्क्यू टीम इंचार्ज सावर सिंह द्वारा सैटेलाइट फ़ोन के माध्यम से बताया गया कि बाकी के रेस्क्यू के लिए टीम लगातार काम कर रही है, जल्द ही सभी को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा।पुलिया बहने से ट्रेक भी अवरुद्ध हो गया है। इसके चलते भोजवासा क्षेत्र में 40 पर्यटक फंस गए।
गंगाजल भर गंगोत्री से रवाना हुए थे
गुरुवार दोपहर गोमुख से गंगाजल भर मोनू (31) पुत्र किशोरीलाल निवासी पहाड़गंज दिल्ली, सूरज (23) पुत्र महावीर निवासी साउथ दिल्ली और विकास (21) निवासी साउथ दिल्ली गंगोत्री से रवाना हुए थे। दोपहर करीब तीन बजे तीनों गंगोत्री से नौ किमी दूर चीड़वासा के पास पहुंचे।
वहां चीड़वासा गदेरे में उफान आ गया। इससे गदेरे पर बनी अस्थायी लकड़ी की पुलिया क्षतिग्रस्त हो गई। इससे गदेरा पार कर रहे तीनों कांवड़ यात्री उफान की चपेट में आ गए। विकास कुछ दूरी पर जाकर किसी तरह गदेरे से निकल आया, लेकिन सूरज और मोनू का पता नहीं चला।
कांवड़ यात्रियों की खोजबीन
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि पार्क अधिकारियों के अनुसार, हिमखंड पिघलने से गदेरे में पानी बढ़ा है। भोजवासा क्षेत्र में फंसे 40 पर्यटकों को जीएमवीएन भोजवासा और आश्रम में ठहराया गया है। पार्क की टीम मौके पर मौजूद है।
कांवड़ यात्रियों की खोजबीन और पुलिया की मरम्मत का कार्य चल रहा है, जबकि तीसरे कांवड़ यात्री को पार्क की टीम ने गंगोत्री पहुंचा दिया है।