उत्तराखंड में बारिश और भूस्खलन ने मुसीबत खड़ी की हुई है। चमोली में बदरीनाथ हाईवे का वैकल्पिक मार्ग नंदप्रयाग सेकोट कोठियालसेन सड़क भूस्खलन से बंद हो गई है। जबकि बदरीनाथ हाईवे भी पार्थाडिप में सुबह से ही बंद पड़ा हुआ है।
थराली चेपड़ों के पास थराली देवाल मोटर मार्ग पर भूस्खलन से चीड़ के दो बडे पेड़ सड़क पर आए। जिससे सड़क 12 घंटे से बंद है। लोनिवि की जेसीबी मशीन से पेड़ नहीं हट पा रही। वहीं कर्णप्रयाग के पास चटवापीपल में बदरीनाथ हाइवे बंद है। यहां कई यात्री वाहन फंसे हैं।
उधर, यमुनोत्री हाईवे मलबा बोल्डर पत्थरों के आने से व कटाव के चलते जगह-जगह हाईवे बंद हैं, जिसके कारण जगह-जगह श्रद्धालुओं के साथ ही स्थानीय लोग हाईवे खुलने की इंतजारी में घंटों से खड़े हैं। यमुनोत्री हाईवे राडी के निकट बंद होने से यमुना घाटी का जिला मुख्यालय से सम्पर्क कटा हुआ है।
वहीं उत्तरकाशी में पिछले तीन-चार दिनों से रूक-रूककर जारी बारिश के चलते तापमान गिरने से ठंड ने करीब एक माह पूर्व ही दस्तक दे दी है। मौसम विभाग के अनुसार जनपद में आज भी मध्यम बारिश होने की संभावना है। न्यूनतम तापमान 21 और अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस है।
भूस्खलन से मसूरी लंढौर- टिहरी मार्ग वुडस्टॉक स्कूल के निकट बंद है। प्रदेश के कुमाऊं के कुछ जिलों में मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से बारिश का अलर्ट जारी किया गया। खासकर नैनीताल, चंपावत और ऊधमसिंह नगर जिले के कुछ हिस्सों में गर्जन के साथ भारी से भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, उत्तरकाशी, चमोली और बागेश्वर में आज भी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहेंगे।
बता दें कि बंगाल की खाड़ी में बने डिप्रेशन (अवदाब) सिस्टम से उत्तराखंड के मौसम में अचानक से आए बदलाव के चलते दो दिन तक लगातार बारिश हुई। दो दिनों के अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई। आंकड़ों पर नजर डालें तो शुक्रवार को दून का अधिकतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री गिरावट के साथ 24.8 डिग्री दर्ज किया गया। जबकि इससे पहले बीते बृहस्पतिवार को भी यहां का अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री गिरावट के साथ 27 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। हालांकि दोनों ही दिन रात के तापमान में कोई खास असर नहीं देखा गया।