आज (मंगलवार) पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय कॉफी दिवस मनाया जा रहा है। यह दिन कॉफी के प्रति अपने प्यार और सम्मान को व्यक्त करने का अवसर है। दिन की शुरुआत हो या किसी दोस्त के साथ बातचीत, कॉफी हम सभी की जिंदगी का एक हिस्सा बन गई है।
ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे कैफे से रूबरू कराएंगे, जहां कॉफी की चुस्की के साथ साहित्य की कुकीज मिलती है।हाथ में कॉफी के प्याले के साथ प्रसिद्ध साहित्यकार की किताब हो तो अलग ही आनंद की अनुभूति होती है। ऐसा ही अनुभव साहित्य प्रेमियों को राजधानी दून के एक कैफे में मिल रहा है। इस कैफे में हर उम्र के लोगों के लिए करीब तीन हजार से अधिक किताबें रखी हैं।
मनोरंजन के साथ ज्ञान
वसंत विहार के इंद्रानगर में स्थित मौलियार नाम के इस कैफे की संस्थापक विदुषी भट्ट ने बताया, कैफे में साहित्य प्रेमियों के लिए हिंदी-अंग्रेजी के साथ गढ़वाल-कुमाऊं का साहित्य और धार्मिक किताबें रखी गई हैं। कैफे में इस तरह की करीब तीन हजार से अधिक किताबें हैं। साथ ही प्रसिद्ध लेखकों की किताबों से भी आमजन रूबरू हो रहे हैं।
उन्होंने कहा, आमतौर पर कैफे में कॉफी के साथ कुकीज दी जाती है। लेकिन कैफे को आकर्षक बनाने और साहित्य प्रेमियों को ठिकाना देने के लिए कैफे में किताबें रखी गई हैं। कहा, युवाओं में कैफे को लेकर क्रेज बढ़ रहा है।
इसके साथ ही युवाओं को साहित्य के प्रति जागरूकता करने व उनकी रुचि बढ़ाने के मकसद से कैफे में किताबें रखी गई हैं। इसके अलावा हमारा उद्देश्य किताबों के जरिए लोगों का मनोरंजन करने के साथ उनके ज्ञान को बढ़ाना है। कैफे के नाम को लेकर विदुषी ने बताया, मौलियार एक पहाड़ी शब्द है। इसका अर्थ फूलों के खिलने को दर्शाता है।