महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के स्टे मिलने के बाद उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की पीसीएस-प्री की कटऑफ में एक बार फिर से बदलाव किया जा सकता है। आयोग ने 19 अक्तूबर को उत्तराखंड महिला आरक्षण हटाने के बाद फिर कटऑफ बदल दी थी। जिसके बाद 1708 अभ्यर्थियों को पीसीएस मुख्य परीक्षा के लिए सफल घोषित किया गया था।
22 सितंबर को बदली गई थी कटऑफ
30 मई को लिपिकीय त्रुटि के कारण, एक अगस्त और 22 सितंबर को हाईकोर्ट के आदेश पर कटऑफ बदली गई थी। इस संबंध में आयोग के अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में कमीशन निर्णय लेगा। पीसीएस परीक्षा में भी मिलेगा लाभ महिला आरक्षण पर हाईकोर्ट की रोक के बाद आयोग की पीसीएस परीक्षा का टाइम-टेबल ही गड़बड़ा गया। अब यह परीक्षा 28 से 31 जनवरी तक होगी। अब फिर आयोग विज्ञप्ति संशोधित कर पूर्व की भांति उत्तराखंड की महिला कर सकता है।
हाईकोर्ट के आदेश पर SC का स्टे
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सिविल सेवा परीक्षा में राज्य की मूल निवासी महिलाओं को 30 फीसदी आरक्षण देने वाले वर्ष 2006 के शासकीय आदेश (जीओ) पर उच्च न्यायालय द्वारा लगाई गई रोक शुक्रवार को हटा दी। इससे राज्य की मूल निवासी महिलाओं को मिलने वाले आरक्षण का रास्ता साफ हो गया। मामले में जस्टिस एसए.नजीर और वी. रामासुब्रमण्यन की खंडपीठ ने सुनवाई की। खंडपीठ ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए इस मामले में याचिकाकर्ताओं को नोटिस जारी किया और जवाब मांगा।
1064 पदों पर भर्ती का रास्ता खुलेगा
उत्तराखंड मूल की महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण रद करने के नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट से स्टे के बाद उत्तराखंड लोक सेवा आयोग 1064 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करेगा। महिला आरक्षण पर हाईकोर्ट की रोक से उत्तराखंड लोक सेवा आयोग में सात भर्ती प्रक्रिया बीच में ही रुक गई थीं। उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के अनुसार महिला आरक्षण पर हाईकोर्ट की रोक के चलते आयोग में सहायक अभियोजन अधिकारी के 63 पद, राजकीय महाविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर के 455 पद, खान अधिकारी और सहायक भू-वैज्ञानिक के 8 पद, वन विभाग के अंतर्गत वन क्षेत्राधिकारी के 46 पद, विभिन्न विभागों में सहायक अभियंता के 170 पद, पीसीएस-2021 के 313 पद और पीसीएस-जे के 13 पदों पर भर्ती प्रक्रिया प्रभावित हुई थी। उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के सचिव गिरधारी सिंह रावत ने बताया कि महिला आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के स्टे के बाद सात भर्ती प्रक्रिया प्रभावित हुई।