दिव्यांशु का शव घर पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया। इस बीच बेटे का चेहरा देख माता-पिता गश खाकर गिर गए। दिव्यांशु की बहन ने माता-पिता को संभाला। मिलनसार और सरल स्वभाव का इकलौता बेटा दिव्यांशु अपने परिवार के साथ-साथ गांव वालों का भी चहेता था। परिवार में उसकी एक बड़ी बहन है।

गांव के होनहार छात्र की मौत से ग्रामीणों में गुस्सा भी है। दिव्यांशु के परिजनों को सांत्वना देने के लिए रविवार को ग्रामीणों का तांता लगा रहा। ग्राम प्रधान हरीश बिरखानी, जिला पंचायत सदस्य कमलेश चंदोला समेत अन्य लोगों ने दिव्यांशु के परिजनों को ढांढ़स बंधाया। इधर, दिव्यांशु की बहन का कहना था कि घटना के दोषियों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाने के बाद ही वह दम लेगी। इधर, पूर्व प्रधान कैलाश भट्ट ने कहा कि हम पीड़ित परिवार के साथ खड़े हैं। दोषियों को सख्त सजा दिलाने के लिए जो भी कदम उठाने होंगे, हम उठाएंगे। 

तो गिफ्ट में मिली शर्ट से लगाई फांसी

पुलिस जांच में सामने आया है कि दिव्यांशु व सुमित के बीच लंबे समय से दोस्ती थी। सुमित ने दिव्यांशु को कपड़े गिफ्ट किए थे। इनमें से कुछ कपड़ों को सेमल के पेड़ के नीचे जला दिया गया था। पुलिस सूत्रों के अनुसार जिस शर्ट से छात्र ने फांसी लगाई, वह भी गिफ्ट में दी गई थी। जंगल में दोनों दोस्तों के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी हुई थी।

12 फीट ऊंचे पेड़ पर शव ले जाना मुश्किल

पुलिस जांच में सामने आया है कि जिस पेड़ पर दिव्यांशु का शव लटका मिला था, उस पेड़ की गोलाई करीब 2.5 फीट थी। साथ ही फंदे के लिए जिस टहनी पर शर्ट बांधी गई थी, वह जमीन से करीब 12 फीट ऊपर थी। पुलिस के अनुसार इतनी ऊंचाई पर कोई आदमी शव या किसी व्यक्ति को जबरदस्ती नहीं ले जा सकता है।


By Admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *