हरिद्वार: लेखपाल भर्ती परीक्षा पेपर लीक प्रकरण में एसआइटी सोमवार से अपनी जांच शुरू करेगी। प्रश्न पत्र खरीदने वाले 35 अभ्यर्थी एसआइटी के रडार पर हैं। उनसे पूछताछ में कई अन्य चेहरे भी सामने आ सकते हैं। रविवार को एसआइटी ने बैठक कर जांच की रणनीति बनाई।
उत्तराखंड एसटीएफ ने चार दिन पहले लेखपाल भर्ती परीक्षा प्रश्न पत्र लीक मामले का भंडाफोड़ करते हुए लोक सेवा आयोग के अनुभाग अधिकारी संजीव चर्तुवेदी और उसकी पत्नी समेत सात आरोपितों को गिरफ्तार करते हुए 41 लाख की रकम बरामद की थी।
जांच में सामने आया था कि अनुभाग अधिकारी की पत्नी ने ही अपने परिचित पालीटेक्निक अध्यापक राजपाल के संग मिलकर प्रश्न पत्र का सौदा किया था।
एक रिजार्ट में अभ्यर्थियों को प्रश्न पत्र रटाया था
रितु और राजपाल ने प्रमोद और मनीष आदि के साथ मिलकर लक्सर और बिहारीगढ़ सहारनपुर में एक रिजार्ट में अभ्यर्थियों को प्रश्न पत्र रटाया था। यह भी पता चला है कि एक अभ्यर्थी से आठ से 12 लाख रुपये में सौदा हुआ था। पूरे प्रकरण की जांच सीधे तौर पर एसटीएफ से हटाते हुए एसपी क्राइम रेखा यादव की अगुआइ में एसआइटी गठित की गई है।
जांच शुरू करने से पहले एसआइटी ने रविवार को बैठककर एसएसपी हरिद्वार अजय सिंह की मौजूदगी में जांच की रणनीति को लेकर मंथन किया था। सोमवार से एसआइटी प्रकरण को लेकर अपनी जांच शुरू कर सकती है। चूंकि प्रारंभिक पड़ताल में सामने आए सभी मुख्य आरोपित जेल जा चुके हैं।
ऐसे में अब उन अभ्यर्थियों से पूछताछ होनी है, जो प्रश्न पत्र के खरीददार हैं। हालांकि, खरीददार अभ्यर्थियों की गिरफ्तारी को लेकर अभी तस्वीर साफ नहीं है। यह एसआइटी जांच के बाद ही साफ होगा। एसआइटी की मुखिया एसपी क्राइम रेखा यादव ने बताया कि हर बिंदु पर बारीकी से जांच की जाएगी।
2014 में पीसीएस का सिलेबस बनाने वाली कमेटी में भी था संजीव
लेखपाल भर्ती परीक्षा पेपर लीक प्रकरण का मास्टरमाइंड संजीव चतुर्वेदी साल 2014 में हुई उत्तराखंड पीसीएस परीक्षा का सिलेबस बनाने की प्रक्रिया में भी शामिल रहा था। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि कहीं पीसीएस परीक्षा के दौरान भी तो पेपर लीक नहीं हुआ था। इसे लेकर एसआइटी संजीव चतुर्वेदी की पुरानी कुंडली भी खंगालेगी।
पेपर लीक प्रकरण में उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के अति गोपन विभाग में अनुभाग अधिकारी के तौर पर तैनात रहे संजीव चतुर्वेदी और उसकी पत्नी रितु मास्टरमाइंड के रूप में सामने आए हैं।
पूछताछ में संजीव चतुर्वेदी ने यह बयान दिया है कि उसकी पत्नी ने रही मोबाइल पर प्रश्न पत्र का फोटो खींचकर लाने का दबाव बनाया था। इसके बाद रितु और राजपाल ने मनीष, प्रमोद और संजीव आदि की मदद से अभ्यर्थियों को प्रश्न पत्र पढ़ाते हुए रुपये वसूले थे।
यह काम उन्होंने इतनी सफाई से किया कि परीक्षा को लेकर हर कदम फूंक-फूंककर रखने वाले उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के किसी अधिकारी को भनक तक नहीं लगी। गनीमत रही कि एसटीएफ ने पूरे मामले का भंडाफोड़ कर दिखाया।
इस बीच पता चला है कि संजीव चतुर्वेदी साल 2003 से उत्तराखंड लोक सेवा आयोग में तैनात था। इतना ही नहीं, साल 2014 की पीसीएस परीक्षा का सिलेबस बनाने वाली कमेटी में भी वह सदस्य के रूप में शामिल रहा।
ऐसे में पीसीएस परीक्षा को लेकर भी कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। सवाल यह है कि संजीव चतुर्वेदी ने लेखपाल भर्ती से पूर्व तो कहीं पीसीएस परीक्षा का पेपर लीक नहीं किया। हालांकि अभी एसआइटी सिर्फ लेखपाल पेपर लीक प्रकरण की जांच पर फोकस कर रही है। लेकिन, इसके साथ ही वह संजीव चतुर्वेदी के पुराने क्रियाकलापों की जानकारी भी जुटाएगी।