खटीमा : गणतंत्र दिवस को लेकर भारत-नेपाल सीमा पर सतर्कता बढ़ा दी गई है। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सुरक्षा एजेंसियों की निगाह सीमा पर टिक गयी है। एसएसबी के साथ पुलिस प्रशासन भी चौकन्ना है। इसको लेकर पुलिस जवानों ने बार्डर के जंगल क्षेत्र में कांबिंग की। दोनों देशों के बीच सीमाएं खुली हुई हैं।

इसके चलते पहले से ही बेहद सतर्कता बरती जा रही है। इस बीच गणतंत्र दिवस को लेकर सीमा पर विशेष चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। एसएसबी मेलाघाट के जवानों ने पुलिस कर्मियों के साथ सोमवार को सीमावर्ती क्षेत्र के जंगलों में सघनता से कांबिंग की।

साथ ही आसपास खत्तों में रहने वालों से जंगल में होने वाली गतिविधियों के बारे में जानकारी एकत्र की। इस दौरान जवानों ने लोगों से संदिग्धों के बारे में तुरंत जानकारी देने को कहा।

झनकईया थानाध्यक्ष रवींद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि गणतंत्र दिवस को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। सीमा सुरक्षा की दृष्टि से एसएसबी जवान सीमा पर मुस्तैदी से तैनात हैं। इसके अलावा पुलिस कर्मी भी नियमित रुप से चेकिंग अभियान में जुटे हुए हैं।

गणतंत्र दिवस पर 22 कैदी किए जाएंगे रिहा
वहीं प्रदेश में इस वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर 22 कैदियों को रिहा किया जाएगा। राजभवन से स्वीकृति मिलने के पश्चात शासन ने इन कैदियों की रिहाई के लिए महानिदेशक कारागार को पत्र भेज दिया है।

प्रदेश में हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस व गणतंत्र दिवस पर कैदियों की रिहाई की जाती है। इस वर्ष कारागार प्रशासन की ओर से ऐसे कैदियों की रिहाई को लेकर शासन को पत्र भेजा गया था, जो अपनी दो-तिहाई सजा जेल में काट चुके हैं।

ये सभी सामान्य अपराध में जेलों में बंद हैं और इन्हें सीमित सजा मिली है। शासन ने ये नाम राजभवन भेजे। इन कैदियों के अच्छे आचरण के आधार पर राजभवन ने इनकी रिहाई को मंजूरी प्रदान कर दी है।

इनमें नौ कैदी हरिद्वार जेल, सात कैदी हल्द्वानी जेल, दो-दो कैदी अल्मोड़ा व नैनीताल जेल तथा एक-एक कैदी देहरादून व सितारगंज जेल में बंद हैं। अपर मुख्य सचिव गृह राधा रतूड़ी ने इन सभी कैदियों को 26 जनवरी को रिहा करने के संबंध में आदेश जारी कर दिया है।

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