जिले में जमीन के सर्किल रेट और बाजार दरों में समानता लाने की प्रशासनिक कोशिशों के तहत अब रजिस्ट्री के लिए लोगों को अपनी जेब ज्यादा ढीली करनी होगी। बाजारी सर्वे, मूल्यांकन समितियों और रियल एस्टेट रिपोर्ट के आधार पर सर्किल रेट का निर्धारण किया गया है।

विकास की संभावनाओं, नई टॉउनशिप, हाईवे और प्रोजेक्ट को भी सर्किल रेट निर्धारण का आधार बनाया गया है।जिले के कुल 1044 अकृषि क्षेत्रों में औसतन 43 प्रतिशत सर्किल रेट बढया गया है। देहरादून सदर तहसील के 586 क्षेत्रों में 55 प्रतिशत, विकासनगर के 229 क्षेत्रों में 30 प्रतिशत और ऋषिकेश के 229 क्षेत्रों में 27 प्रतिशत की औसत वृद्धि की गई है। एडीएम केके मिश्रा ने बताया कि अकृषि क्षेत्र में औसत वृद्धि 43 प्रतिशत की गई। कुल कृषि क्षेत्र में औसत वृद्धि 31 प्रतिशत की गई। इसमें सदर देहरादून के 174 क्षेत्रों में 50 प्रतिशत, विकासनगर के 214 क्षेत्रों में 24 प्रतिशत और ऋषिकेश के 148 क्षेत्रों में 19 प्रतिशत की औसत वृद्धि की गई। सदर क्षेत्र के दो गांवों और विकासनगर के सात गांवों में कृषि व अकृषि दरों में कोई वृद्धि नहीं की गई है।

दो साल बाद बढ़े सर्किल रेट

एडीएम ने बताया कि वर्ष 2021 और वर्ष 2022 में कोविड महामारी के चलते सर्किल रेट में परिवर्तन नहीं किया गया। वर्ष 2022 में विकास की गतिविधियां तेज हुईं। संपत्तियों की खरीद-फरोख्त बढ़ी तो जमीनों की कीमतों में वृद्धि हुई। इसलिए सर्किल रेट बढ़ाए गए।

इस बार जमीनों के सर्किल रेटों में शून्य से 150 फीसदी तक की रिकॉर्ड बढ़ोतरी की गई है। 66 प्रतिशत अकृषि भूमि का सर्किल रेट 50 फीसदी तक बढ़ाया गया है। जबकि, 30 प्रतिशत अकृषि क्षेत्रों का रेट 100 प्रतिशत तक बढ़ा है। 2.7 फीसदी अकृषि भूमि का रेट 150 प्रतिशत तक बढ़ा है।

सहारनपुर रोड पर भी दोगुना हुआ सर्किल रेट

सर्किल रेट की दौड़ में राजपुर रोड सबसे आगे रहता है। राजपुर रोड के आसपास के इलाकों में अकृषि भूमि का सर्किल रेट 62 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर तक पहुंचा, जो कि पिछली बार 40 से 50 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर तक था। वहीं, सहारनपुर रोड से लेकर सहारनपुर चौक, घंटाघर के इलाकों ने भी इस बार सर्किल रेट में खासी बढ़त हासिल की। सहारनपुर रोड पर सहारनपुर चौक से बिंदाल पुल तक सर्किल रेट पिछली बार 21 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर तक था। इस बार 45 हजार रुपये तक पहुंच गया।

अब आसमान छुएंगे प्रापर्टी के रेट

सामान्य तौर पर सर्किल रेट और जमीन के बाजार रेट में बड़ा अंतर होता है। बाजार में जमीन की आसमान छूती कीमतों को देखकर शाासन ने इस बार सर्किल रेट में डेढ़ सौ प्रतिशत तक की बढ़ोतरी कर दी है। इससे जमीनों की सरकारी कीमतें आसमान पर पहुंच गई हैं। ऐसे में बाजार रेट के और भी बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। राजधानी में प्रापर्टी कारोबार करने वाले विनोद शर्मा कहते हैं कि देहरादून में विकास की संभावनाओं और कनेक्टिविटी के विस्तार से जमीनों के बाजार रेट अभी और भी बढ़ेंगे।

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