रुड़की :  इस बार मां दुर्गा के नवरात्र पूरे नौ दिन के होंगे। वहीं ग्रह नक्षत्रों का अद्भुत संयोग बन रहा है। यह संयोग लगभग सैकड़ों वर्षों के बाद पड़ रहा है। जब शनिदेव अपनी राशि कुंभ में तथा बृहस्पति देव अपनी राशि मीन में संचार करेंगे। यह दुर्लभ संयोग नवरात्र को बहुत ही खास बना रहे हैं।

इस बार मां दुर्गा नौका पर सवार होकर आएंगी
22 मार्च से मां दुर्गा के वासंती नवरात्र प्रारंभ हो रहे हैं और 30 मार्च को रामनवमी का पर्व पड़ेगा। इस बार मां दुर्गा नौका पर सवार होकर आएंगी।

नौका पर आगमन बहुत ही शुभ और मंगलकारी
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की परिसर स्थित श्री सरस्वती मंदिर के आचार्य राकेश कुमार शुक्ल ने बताया कि मां दुर्गा का नौका पर आगमन बहुत ही शुभ और मंगलकारी माना जाता है। इसलिए यह नवरात्र भक्तों को सुख और समृद्धि प्रदान करेगा।

नवरात्र से ही हिंदी नववर्ष का प्रारंभ
वासंती नवरात्र से ही हिंदी नववर्ष का प्रारंभ माना जाता है। इस बार इस संवत के राजा बुध और मंत्री शुक्र होंगे। बुध और शुक्र की जोड़ी देश में खुशहाली, सुख समृद्धि, धन-धान्य की वृद्धि तथा क्लेश को समाप्त करने वाली होगी।

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

  • 22 मार्च को कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त सुबह लगभग 6:30 से 9:25 के मध्य रहेगा। इस दौरान लाभ और अमृत चौघड़िया रहेगी।
  • इसके बाद सुबह 10:55 से लेकर 12:25 के मध्य शुभ की चौघड़िया और अभिजीत मुहूर्त विद्यमान होगा।
  • जबकि अपराह्न काल में लगभग 3:20 से 6:20 के मध्य कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त होगा।

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