देहरादून। आलवेदर रोड के निर्माण के बाद चारधाम यात्रा मार्गों के सुगम होने के कारण सरकार ने इस वर्ष चारधाम यात्रा में वाहनों के संचालन का समय तीन घंटे बढ़ा दिया है। अब यात्रा मार्गों पर वाहन सुबह चार बजे से रात दस बजे तक संचालित हो सकेंगे, जबकि पहले यह समय सुबह पांच बजे से रात आठ बजे तक था। मंगलवार को मुख्य सचिव डा. एसएस संधु की समीक्षा बैठक के बाद चारधाम यात्रा के नोडल अधिकारी आरटीओ सुनील शर्मा ने इस संबंध में आदेश जारी किए।

वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रुद्रप्रयाग, चमोली व उत्तरकाशी के स्थानीय निवासियों को अपने-अपने जनपद के धामों में दर्शन के लिए पंजीकरण की अनिवार्यता से मुक्त रखने का आदेश दिया है। प्रदेश के अन्य जिलों व दूसरे राज्यों के श्रद्धालुओं के लिए पंजीकरण की अनिवार्यता यथावत रहेगी। चारधाम यात्रा-2023 के लिए वाहनों के ग्रीन कार्ड व ट्रिप कार्ड तीन अप्रैल से परिवहन कार्यालयों में बनने शुरू हो जाएंगे।

इसके अलावा यात्रा मार्गों पर परिवहन विभाग की पांच चेकपोस्ट 20 अप्रैल से अस्तित्व में आ जाएंगी। यात्रा को लेकर परिवहन विभाग ने मंगलवार को कार्य-योजना को अंतिम रूप दे दिया। परिवहन विभाग इस बार बसों पर हर ट्रिप कार्ड के लिए अलग-अलग रंग का स्टीकर चस्पा करेगा। इससे बसों का संचालन पूरी तरह से परिवहन विभाग की निगरानी में रहेगा।

सभी व्यावसायिक यात्री वाहनों में व्हीकल लोकेशन ट्रेकिंग डिवाइस (वीएलटीडी) लगाना अनिवार्य किया जा चुका है। नोडल अधिकारी ने बताया कि यात्रा के लिए इस बार दो कंट्रोल रूम बनाए जाएंगे, जिनमें एक ऋषिकेश और दूसरा हरिद्वार के पंतद्वीप में होगा। फिलहाल यात्रा के लिए संचालित बसों का किराया बढ़ाने पर कोई सहमति नहीं बनी है। ऐसे में सरकार की ओर से निर्धारित किराये के अनुसार ही बसों का संचालन होगा।

नौ दिन की यात्रा, एक दिन विश्राम इस बार चारधाम की यात्रा नौ दिन की होगी, जबकि एक दिन बस चालक व वाहन को अनिवार्य रूप से विश्राम दिया जाएगा। नोडल अधिकारी सुनील शर्मा ने बताया कि अब बस से चारों धाम की यात्रा नौ दिन, तीन धाम की सात दिन, जबकि दो धाम की यात्रा पांच दिन की होगी। पहले यह यात्रा क्रमश: दस दिन, आठ दिन और छह दिन की होती थी। एक धाम की यात्रा पहले की तरह तीन दिन में संपन्न होगी।

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