सप्ताहभर तक रही बारिश से चमोली जिले में गेहूं की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। बृहस्पतिवार को धूप खिलने पर जब महिलाएं खेतों में पहुंचीं तो बरबाद हुई गेहूं की फसलें देखकर रो पड़ीं। लंगासू गांव की अनीता डिमरी और प्रकाश डिमरी ने बताया कि उनके करीब चार क्विंटल गेहूं बरबाद हो गए हैं। गांव में कई अन्य परिवारों की भी गेहूं की फसल बरबाद हो गई है। कहा कि खेती ही आजीविका का साधन थी। छह माह की मेहनत पर पानी फिर गया है।
जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मण सिंह बिष्ट, ग्राम प्रधान बीना देवी, टीका प्रसाद मैखुरी, संगीता नगवाल, आशा गोश्वामी, विद्या देवी, मीना मलेठा, अनीता डिमरी, मंजू सिमल्टी, यमनोत्री, भगवती देवी, रजनी, गुड्डी, पवन मैवाड़ आदि का कहना है कि कई परिवार गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करते हैं। बीज और खाद पर लोगों ने जो पैसा खर्च किया था इस बार उसकी भी भरपाई नहीं हो पाएगी।
छह माह की मेहनत पर फिरा पानी
वहीं, पोखरी ब्लॉक के हरिशंकर, खन्नी, गनियाला, चौंडी, रौता, थालाबेड़, सिमलासू, ब्राह्मणथाला, रडुवा, कांडई चंद्रशिला, जौरासी, किमोठा, तोणजी, सलना, हापला, नैल, नौली, गुणम, मसोली, सेम, सांकरी, बासकंडी, कांडई आदि क्षेत्रों में भी गेहूं, जौ के साथ ही साग-सब्जी की फसलों को भारी नुकसान हुआ है। लोगों का कहना है कि छह माह की मेहनत पर पानी फिर गया है।
जिले में अधिकांश क्षेत्रों में गेहूं की कटाई हो चुकी है। जिन स्थानों पर कटाई नहीं हुई है और मौसम से फसल बरबाद हुई उस क्षेत्र का निरीक्षण कराया जाएगा। यदि संबंधित काश्तकार की ओर से अपनी फसल का बीमा करवाया गया है तो उन्हें मुआवजा दिया जाएगा। बिना फसल बीमा के काश्तकारों को मुआवजा दिया जाना संभव नहीं है। – डॉ. जितेंद्र भास्कर, सहायक कृषि अधिकारी, गोपेश्वर, चमोली।
उत्तरकाशी : मौसम की बेरुखी से सेब को भी होगा नुकसान
बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि से जिले में खेतों में खड़ी मटर, टमाटर एवं गेहूं की फसल बरबाद हो गई है। जबकि मौसम की बेरुखी सेब की फसल पर भारी पड़ती दिख रही है। बीते कुछ दिनों से जिले में बारिश, ओलावृष्टि तथा ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हो रही है। तापमान में गिरावट के कारण गेहूं की फसल पकने में देरी हुई जबकि निचले इलाकों में बारिश के कारण इसका कटान नहीं हो पा रहा है।
इससे न सिर्फ कई जगह खेतों में खड़ी गेहूं की फसलें सड़ने लगी हैं बल्कि घरों में कटी रखी गेहूं की फसल भी बरबाद हो रही है। सेब के पेड़ों पर आजकल फूल आ रहे हैं। इस दौर में बारिश, ओलावृष्टि तथा बर्फबारी के कारण तापमान में गिरावट सेब के लिए नुकसानदायक साबित हो रही है।
मौसम की बेरुखी यही रही तो किसान एवं बागवानों के समक्ष आजीविका का संकट खड़ा हो जाएगा। वहीं जिला उद्यान अधिकारी अनिल मिश्रा ने कहा कि फसलों के नुकसान के लिए कृषि और राजस्व विभाग के साथ संयुक्त आकलन किया जा रहा है। पूरी रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्यवाही शुरू की जाएगी।