कार में सवार हाईकोर्ट के अधिवक्ता तनुज सेमवाल हल्द्वानी से रुद्रपुर जाने के लिए निकले और देवलचौड़ पर आईसक्रीम खरीदी और उसे खाते हुए जा रहे थे। घर से फोन आया तो बताया कि बस पहुंच रहा हूं। रात 10:50 बजे तूफान आया लेकिन उन्होंने रुकने के बजाय घर जाना उचित समझा जो उनकी भारी भूल साबित हुई।
सीसीटीवी कैमरे में हादसे का पूरा वाक्या कैद हुआ। इसमें साफ नजर आ रहा है कि मौत से ऐन पहले कुछ सेकेंड रुके और फिर कार जैसे ही आगे बढ़ाई अचानक से यूकेलिप्टस का विशालकाय पेड़ गिरा और कार समेत वह उसके नीचे दब गए।
सूचना पर पहुंचे पुलिस कर्मियों और फायर कर्मियों को सूचना देने के बाद राहत और बचाव कार्य शुरू हुआ और रात 12ः45 बजे कार से तनुज का शव कार से निकाला जा सका।
बेटी से मिलने के लिए जा रहे थे रुद्रपुर
आइसक्रीम की स्टिक उनके मुंह में दबी थी और उनकी सांस थम गई थी। हाईकोर्ट के अधिवक्ता कुरबान अली ने बताया कि तनुज पौड़ी के रहने वाले थे और उनकी बेटी रुद्रपुर में रहती है। परिवार नैनीताल के नैनागांव में रहता है। संभवता अपनी बेटी से मिलने के लिए रुद्रपुर जा रहे थे।
व्यवस्था पर सवाल : शहर में हादसा, राहत में लगे तीन घंटे
मौसम विभाग का अंधड़ का अलर्ट होने के बावजूद प्रशासन और पुलिस महकमा सतर्क नहीं था। शहर में हुए हादसे के बाद शव को निकालने में पुलिस को तीन घंटे का समय लगा। समय पर राहत और बचाव कार्य हो गया होता तो शायद.. युवक बच भी सकता था। मगर इसे व्यवस्था का सवाल ही कहेंगे कि तमाम सुख सुविधाओं के बावजूद राहत और बचाव में इतना अधिक समय लगा। सोचने वाली बात यह है कि यही हादसा दूरस्थ क्षेत्र में होता तो तब कितना समय लगता।