पेयजल निगम के अधीक्षण अभियंता (यांत्रिक मंडल) प्रवीन कुमार राय ने बताया कि यमुना स्थित इंटेक वेल 11 घंटे, मुख्य पंपिंग स्टेशन 17 घंटे, इंटिग्रेटेड पंपिंग स्टेशन-1 13 घंटे और इंटिग्रेटेड पंपिंग स्टेशन-2 को लगातार साढ़े आठ घंटे चलाया गया है। उन्होंने बताया कि आईपीएस-1 का पानी दिन में पूरी तरह से साफ हो चुका था।
आईपीएस-2 का पानी भी काफी हद तक साफ था लेकिन राधा भवन स्थित टैंक तक पहुंचने वाला पानी हल्का मटमैला था। उन्होंने बताया कि देर रात पानी पूरी तरह साफ होने के बाद मसूरी के टैंक में भर दिया गया है। इस बीच सचिव पेयजल अरविंद सिंह ह्यांकी ने एमडी उदयराज सिंह को निर्देश दिए कि पेयजल आपूर्ति शुरू करने से पहले सभी जगहों के पानी के नमूने जांच के लिए भेजे जाएं। लिहाजा, सैंपल जांच को भेजे गए हैं, जिनकी रिपोर्ट बुधवार को सुबह तक आ जाएगी। रिपोर्ट आते ही मसूरीवासियों को रोजाना दो से चार एमएलडी पानी की आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी। एमडी उदयराज सिंह ने बताया कि सैंपल रिपोर्ट से संतुष्ट होने के बाद ही आपूर्ति करेंगे।
चार दिन से निगम के इंजीनियरों ने डाला डेरा
पिछले चार दिन से बहुप्रतीक्षित पेयजल योजना से मसूरी पानी पहुंचाने के लिए पेयजल निगम के इंजीनियरों ने मसूरी से यमुना के बीच में डेरा डाला हुआ है। सभी पंपिंग स्टेशन पर इंजीनियर दिन-रात ड्यूटी करके पंप चलाते हुए रोजाना की रिपोर्ट आला अधिकारियों को भेज रहे हैं।