हल्द्वानी तकनीकी दौर में नैनीताल पुलिस एक कदम और बढ़ाने जा रही है। पुलिस के सीसीटीवी कैमरों में रिकार्ड अब एक महीने नहीं, बल्कि पूरे एक साल तक रहेगा। यातायात व्यवस्था को कायम रखने में भी तीसरी आंख मददगार होगी।
एक समय था कि पुलिस को मैनुअली वर्कआउट करना होता था। मुखबिर तंत्र के माध्यम से पुलिस अपराधियों तक पहुंचती थी। मगर अब समय बदल चुका है। पुलिस के पास सर्विलांस और सीसीटीवी सबसे बड़े हथियार हैं। अपराधी दूसरी आंख से तो बच सकता है, मगर तीसरी से नहीं।
हल्द्वानी शहर की निगरानी के लिए पुलिस के पास 90 सीसीटीवी हैं। शहर की अंतिम सीमा के अलावा शहर के चप्पे-चप्पे पर कैमरे लगे हैं। सीसीटीवी की पावर क्षमता को बढ़ाया जा रहा है। साथ ही हाईटेक कंट्रोल रूम बन रहा है। रूम वायरलेस से जुड़ा होगा। पुलिस अधिकारियों के अनुसार कैमरों की रिकॉर्डिंग क्षमता बढ़ाई जाएगी। एक साल तक की डीवीआर कैमरों में रहेगी।
पीएचक्यू से जारी हुए एक करोड़
पुलिस मुख्यालय से कंट्रोल रूम के लिए एक करोड़ रुपये जारी हो चुके हैं। जिसके बाद कंट्रोल रूम बन रहा है। एक दीवार पर चार एलईडी टीवी लगाए गए हैं। जिसमें शहर के सभी कैमरों की गतिविधियों 24 घंटे चलते रहेगी। कंट्रोल रूम में पूर्ण रूप से बाहरी लोगों की प्रवेश निषेध रहेगा।
शासन में फंसे 40 लाख
नगर निगम के मेयर डा. जोगेंद्र रौतेला ने शहर की सुरक्षा के लिए 40 लाख रुपये दिए गए थे। जिससे सीसीटीवी खरीदे जाने थे। मगर 40 लाख रुपये शासन स्तर पर फंस गए हैं। पुलिस के पास रकम पहुंचते ही सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ जाएगी।
नियम तोड़ा तो होगी कार्रवाई
कंट्रोल रूम में बैठकर ही पुलिस शहर के यातायात व्यवस्था की निगरानी करेगी। कैमरों के पास लाउड स्पीकर लगाया जाएगा। चालक ने सड़क पर वाहन को रोका या पार्क किया तो कंट्रोल रूम से कर्मचारी सचेत कर देगा। नियम तोड़ने पर पुलिस ऑनलाइन चालान भी करेगी।
हाईटेक कंट्रोल रूम का काम अंतिम चरणों पर है। एक महीने में कंट्रोल रूम बनकर तैयार हो जाएगा। शहर की हर गतिविधि पर कैमरों से नजर रखी जाएगी। सीसीटीवी में एक साल तक का बैकअप मिल जाएगा। कैमरों से अपराध ही नहीं, यातायात व्यवस्था को भी पटरी पर उतारा जाएगा। -पंकज भट्ट, एसएसपी