देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मसूरी गोलीकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने मसूरी के झूलाघर स्थित शहीदस्थल पहुंचकर श्रद्धांजलि दी। श्रद्धांजलि सभा में केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता, पूर्व पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिंह मल, पूर्व विधायक जोत सिंह गुणसोला भी पहुंचे। मुख्यमंत्री धामी ने गोलीकांड के शहीदों के परिजनों को शॉल भेंट कर सम्मानित किया।
वहीं मसूरी गोलीकांड की बरसी व वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी रणजीत सिंह वर्मा की पुण्यतिथि पर राज्य आंदोलनाकरियों ने उन्हें याद कर श्रद्धासुमन अर्पित किए। वक्ताओं ने आंदोलनकारियों को एकजुट होने पर जोर दिया। आज शहीद स्मारक परिसर में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।
श्रद्धासुमन अर्पित कर बलिदानियों को किया गया याद
मसूरी गोलीकांड के बलिदानियों को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उन्हें याद किया। राज्य आंदोलनकारी रविंद्र जुगरान ने कहा कि राज्य आंदोलनकारी पहाड़ का पानी पहाड़ की जवानी व पलायन रोकने की लगातार मांग कर रहे हैं। आज जरूरी है कि बलिदानियों के सपनों को पूरा किया जाए।
नहीं भुलाया जा सकता दो सितंबर 1994 का दिन
अशोक वर्मा ने कहा कि दो सितंबर 1994 के दिन को भुलाया नहीं जा सकता। यह दिन मसूरी इतिहास का काला दिन माना जाता है। भले ही राज्य मिल गया हो लेकिन राज्य बलिदानियों के सपनों को साकार करना अभी भी बाकी है। इसके लिए सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे।
इस मौके पर कार्यक्रम संयोजक पूरण सिंह लिंगवाल, जीतमणि पैन्यूली, ललित जोशी, अरुणा थपलियाल, बलबीर सिंह नेगी, पुरषोत्तम सेमवाल, प्रभात डंडरियाल आदि मौजूद रहे।
यह था मामला
दो सितंबर का दिन आज भी मसूरीवासियों की धड़कनें तेज कर देता है। वर्ष 1994 में इसी दिन पीएसी और पुलिस ने उत्तराखंड राज्य आंदोलन को आगे बढ़ा रहे मसूरी के आंदोलनकारियों पर गोलियां बरसा दीं थी। इस गोलीकांड में मसूरी के छह आंदोलनकारी बलिदान हुए थे और दर्जनों घायल हुए थे। वहीं, एक पुलिस उपाधीक्षक की भी मौत हो गई थी।