देहरादून। पर्युषण पर्व के अंतिम दिन शहर के जैन मंदिरों में अनुयायियों ने अनंतनाथ भगवान की पूजा कर सुख समृद्धि की कामना की। इस दौरान व्रत का उद्यापन किया। जैन धर्मशाला में चल रहे पर्व के समापन पर सुबह जाप, अभिषेक, वृहद शांतिधारा, नित्य नियम पूजन हुआ। क्षुल्लकरत्न 105 समर्पण सागर ने प्रवचन में कहा कि समस्त धर्मों का राजा ब्रह्मचर्य धर्म है। ब्रह्मचर्य आत्मसात करना ही सच्चा तप है। उत्तम ब्रह्मचर्य सभी जीवों को अपने अंतरंग में धारण करना चाहिए।