रुद्रप्रयाग। पहाड़ों में रविवार को मौसम बदल गया। इस दौरान केदारनाथ, बदरीनाथ और हेमकुंड में जहां बर्फबारी हुई, वहीं निचले क्षेत्रों में वर्षा के कारण लोग ठंड से कंपकंपा उठे। रविवार को केदारनाथ धाम में सुबह से ही मौसम ठंडा बना हुआ था और दोपहर बाद जोरदार बर्फबारी शुरू हो गई। तीर्थयात्रियों ने इस बर्फबारी का जमकर लुत्फ उठाया।

वैसे केदारनाथ की पहाड़ियों में एक सप्ताह से बर्फबारी हो रही थी, लेकिन धाम में सीजन की रविवार को पहली बर्फबारी हुई। बर्फबारी करीब एक घंटे तक हुई, जो जल्दी ही पिघल गई। तीर्थ पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती ने कहा कि श्राद्ध पक्ष समाप्त होने व शारदीय नवरात्र शुरू होने पर केदारनाथ में बर्फबारी होना शुभ माना जाता है।

बदरीनाथ और हेमकुंड में हुई बर्फबारी
उधर, चमोली जिले में रविवार दोपहर बाद मौसम अचानक बदल गया। बदरीनाथ और हेमकुंड में दिनभर धूप खिली रही, लेकिन दोपहर बाद दोनों धामों में बर्फबारी शुरू हो गई। बदरीनाथ धाम में चोटियों में जमी बर्फ को तीर्थयात्रियों ने अपने कैमरों में कैद किया। बदरीनाथ धाम में बर्फबारी के साथ ही ठंड भी महसूस होने लगी। वहीं, निचले स्थानों पर तेज आंधी-तूफान के साथ रुक-रुक कर वर्षा हुई। हालांकि शाम को बादलों के बीच हल्की धूप खिली।

तूफान से सड़क पर गिरा पेड़
चमोली जिले में दोपहर बाद हुई तेज आंधी-तूफान के चलते गोपेश्वर-चोपता मोटर मार्ग पर सगर गांव के समीप एक पेड़ टूट कर मोटर मार्ग पर आ गिरा, जिससे दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई। यातायात पुलिस ने पेड़ हटाकर हटाकर यातायात सुचारू किया।

पेड़ काटकर सुचारू कराया यातायात
गोपेश्वर-चोपता मोटर मार्ग पर बंज्याणी के पास चेकिंग कर रहे यातायात उप निरीक्षक दिगंबर उनियाल को सूचना मिली कि सगर गांव के पास सड़क पर तेज आंधी के कारण एक पेड़ गिर गया है, जिससे आवागमन अवरुद्ध हो गया है। इस सूचना पर यातायात उप निरीक्षक घटनास्थल पर पहुंचे और ग्रामीणों से कुल्हाड़ी की व्यवस्था कर स्थानीय युवकों की सहायता से पेड़ को काटकर यातायात सुचारू किया। इस दौरान मोटर मार्ग के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लगी रही।

तूफान से उड़ी भवन की छत
नौगांव विकासखंड के ग्राम पंचायत सिंगुणी के खाला नामे तोक में रविवार की शाम को तूफान से एक भवन क्षतिग्रस्त हो गया। छत उड़ने से भवन के अंदर रखा सामान, खाद्य सामग्री और बिस्तर खराब हो गया। गनीमत यह रही कि भवन स्वामी समुनी देवी खेतों में काम करने के लिए गई थी, जिससे उसकी जान बच गई। ग्रामीण विजेंद्र सिंह ने कहा कि समुनी देवी की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। वह एक विधवा महिला है। उन्होंने जिला आपदा प्रबंधन से पीड़ित महिला को राहत देने की मांग की है।

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