आने वाले दिनों में प्रदेश के ऐसे छोटे-छोटे गांव, जिनकी आबादी 250 से कम है, भी सड़क मार्ग से जुड़ सकेंगे। इसके लिए धामी सरकार की ओर से मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना शुरू की गई है। शासन सचिव ग्राम्य विकास विभाग राधिका झा की ओर से इसका शासनादेश जारी किया गया है।

प्रदेश के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली आबादी, जो पीएमजीएसवाई या किसी अन्य योजना में नहीं आने के कारण सड़क मार्ग से वंचित थी, उसके लिए सरकार यह योजना लेकर आई है। ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, पर्यटन, आर्थिकी और सामाजिक सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए योजना की शुरुआत की गई है।

योजना के तहत प्रत्येक जिले में सड़कों की वंचित गांवों, बसावटों के चयन के लिए जिलास्तरीय समिति का गठन किया जाएगा। समिति वरियता के आधार पर गांवों का चयन करेगी। समिति में जिले के प्रभारी मंत्री अध्यक्ष, जिलाधिकारी सचिव, मुख्य विकास अधिकारी, अधिशासी अभियंता लोनिवि, अधिशासी अभियंता पीएमजीएसवाई सदस्य होंगे। इसके अलावा अधिशासी अभियंता ग्रामीण निर्माण विभाग संयोजक की भूमिका निभाएंगे।

समिति की ओर से चयनित सड़कों का ब्योरा शासन को भेजा जाएगा। इसके बाद उपलब्ध बजट के अनुसार, सड़कों के निर्माण की डीपीआर बनाई जाएगी। योजना के तहत प्रथम चरण में प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति दी जाएगी। जबकि द्वितीय चरण में अधिक से अधिक कार्यों का वित्त पोषण नाबार्ड के तहत किया जाएगा। योजना के तहत सड़क बनाने वाले ठेकेदार अगले पांच वर्षों तक सड़कों का रखरखाव भी करेंगे।

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