गोपेश्वर। पंच केदारों में से चतुर्थ केदार रुद्रनाथ मंदिर के कपाट इस वर्ष 18 मई को ग्रीष्मकाल के लिये खोले जाएंगे। बसंत पंचमी के पर्व पर गोपीनाथ मंदिर में पुजारियों, हक-हकूक धारियों और मंदिर समिति के पदाधिकारियों के सम्मुख पंचांग गणना के आधार पर कपाट खुलने की तिथि निर्धारित की गई।

गोपीनाथ मंदिर में प्रातः कालीन पूजा के बाद 10 बजे मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में रुद्रनाथ मंदिर के पुजारी वेद प्रकाश भट्ट व अन्य हक-हकूक धारियों की उपस्थिति में पंचांग गणना के आधार पर तिथि निर्धारित की गई।

14 मई को होगी पूजा
वेद प्रकाश भट्ट ने बताया कि कपाट खुलने की प्रक्रियाओं के तहत भगवान रुद्रनाथ की चल विग्रह मूर्ति 14 मई को पूजा अर्चना के बाद गोपीनाथ मंदिर के गर्भगृह से मंदिर परिसर में लाई जाएगी। जहां से 16 मई को भगवान रूद्रनाथ की चल विग्रह डोली रुद्रनाथ के लिये प्रस्थान करेगी। जिसके बाद 18 मई को विधि विधान से मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिए खोल दिए जाएंगे।

12 मई को खुलेंगे बद्रीनाथ धाम के कपाट
गोपेश्वर श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट इस वर्ष की यात्रा के लिए 12 मई को प्रातः छ: बजे विधि विधान से खोल दिए जाएंगे। बसंत पंचमी के पर्व पर बुधवार को नरेंद्रनगर में पंचांग गणना कर मंदिर के कपाट खुलने की तिथि तय की गई।

परंपरा के अनुसार निर्धारित हुआ समय
बद्रीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि बुधवार को परंपरा के अनुसार महाराजा मनुजेंद्र शाह की जन्मपत्री की गणना कर बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि व मुहुर्त निर्धारित किया गया। जिसके अनुसार मंदिर के कपाट 12 मई को प्रातः छ: बजे निर्धारित की गई है। जबकि गाडू घड़ा तेल पिरोने की तिथि 25 अप्रैल निर्धारित की गई है।

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