अतिवृष्टि से बदरीनाथ हाईवे बेहद खस्ता हालत में पहुंच गया है। गौचर के समीप कमेड़ा से कंचनगंगा (135 किमी) तक हाईवे पर जगह-जगह मलबा पसरा हुआ है। रड़ांग बैंड के समीप हाईवे करीब 20 मीटर तक धंस गया है। ऑलवेदर रोड परियोजना कार्य भी तहस-नहस हो गया है।
बदरीनाथ से दो किमी पहले हाईवे पर पत्थरों की ढेर के बीच कंचनगंगा बह रही है। पिछले कई दिनों से हो रही भारी बारिश से अलकनंदा के साथ ही गाड़-गदेरे उफान पर बह रहे हैं। 22 अगस्त की रात को अतिवृष्टि से बदरीनाथ हाईवे पर जगह-जगह भू-धंसाव, भूस्खलन और टनों मलबा आ गया है। हनुमानचट्टी गांव के बरसाती नाले के उफान पर आने से बदरीनाथ हाईवे पर स्थित पुल की नींव भी खोखली हो गई है।
दूधधारा नाले से कटाव से बदरीनाथ हाईवे का करीब 60 मीटर हिस्सा भूस्खलन की चपेट में आ गया है। यहां कई जगहों पर हाईवे मलबे में तब्दील हो गया है। हालांकि कार्यदायी संस्था भारत कंस्ट्रक्शन और आरजेवी कंपनी की मशीनों से हाईवे को वाहनों की आवाजाही के लिए खोला गया है।
मलबे का निस्तारण किया जा रहा
कंचनगंगा नाला हाईवे पर बह रहा है। यहां हाईवे के दोनों ओर से पत्थरों के ढेर जमा हो गए हैं। पिछले एक वर्ष से यहां मोटर पुल का निर्माण कार्य किया जा रहा था, वह भी मलबे में दब गया है। रड़ांग बैंड से लेकर कंचनगंगा के बीच चल रहा ऑलवेदर रोड परियोजना कार्य भी तहस-नहस हो गया है।
भारत कंस्ट्रक्शन कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर प्रकाश रावत का कहना है कि अतिवृष्टि से हाईवे को भारी नुकसान हुआ है। हाईवे से मलबा हटाकर वाहनों की आवाजाही सुचारु करवाई गई है। हाईवे के हिल साइड और नदी की ओर मलबे का निस्तारण किया जा रहा है।
इधर, बीआरओ के कमांडर कर्नल अंकुर महाजन ने बताया कि हाईवे को अतिवृष्टि से भारी नुकसान पहुंचा है। ऑलवेदर रोड परियोजना कार्य भी रुक गया है। हाईवे से मलबा हटाने का काम शुरू किया गया है। मौसम सामान्य होने पर हाईवे का ट्रीटमेंट शुरू किया जाएगा।