20 सूत्री मांगों को लेकर उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति ने 10 नवंबर से प्रदेशभर में हड़ताल की चेतावनी दी है। आगे की रणनीति तय करने के लिए समिति ने आज बैठक बुलाई है।
समन्वय समिति के संयोजक पूर्णानंद नौटियाल व शक्ति प्रसाद भट्ट का कहना है कि उन्होंने प्रदेशभर में 20 सूत्री मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन चलाया है, इसके बावजूद सरकार उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है। लिहाजा, पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक, दस नवंबर से प्रदेशव्यापी हड़ताल शुरू की जाएगी।
इसके लिए गुरुवार को समन्वय समिति के प्रांतीय संयोजक मंडल की बैठक सद्भावना भवन, यमुना कालोनी में दोपहर दो बजे बुलाई गई है। सभी जिलों में समन्वय समिति की ओर से हड़ताल में शामिल होने को लेकर घोषणा पत्र भरवाए जा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि अब मुख्यमंत्री के स्तर पर ही वार्ता की जाएगी। अगर सीएम के स्तर से शासन को न्यायोचित मांगों पर शासनादेश जारी करने के निर्देश नहीं दिए जाते तो समन्वय समिति से जुड़े सभी 10 मान्यता प्राप्त परिसंघों के लाखों कर्मचारी 10 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
इसकी जिम्मेदारी शासन की होगी। उन्होंने कहा कि शासन ने उनकी मांगों पर कभी गंभीरता से विचार ही नहीं किया। 26 सितंबर को अपर मुख्य सचिव वित्त आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में हुई बैठक का कार्यवृत्त जारी हुआ तो पता चला कि सभी बिंदुओं पर परीक्षण करने की बात कही गई। ऐसे में उनके पास हड़ताल का ही विकल्प बचा है।