दिव्यांशु की संदिग्ध हालात में मौत के मामले में पुलिस की जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। पुलिस के मुताबिक दिव्यांशु और सुमित यादव एक दूसरे के बिना नहीं रह सकते थे। उधर सूत्रों के अनुसार पोस्टमार्टम रिपोर्ट में फंदे से लटकने के कारण मौत होना सामने आया है। यह आत्महत्या की ओर इशारा करना है।

दौलिया डी क्लास हल्दूचौड़ निवासी दिव्यांशु (20) की लाश सात दिसंबर को एफटीआई के जंगल में लटकी मिली थी। इस मामले में अलकनंदा कॉलोनी सांई मंदिर तल्ली हल्द्वानी निवासी दोस्त सुमित यादव के खिलाफ कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। महात्मा गांधी इंटर कॉलेज के छात्र रहे सुमित यादव ने 12वीं में फेल होने पर पढ़ाई छोड़ दी थी। उसके पिता मंडी में ठेला लगाते हैं।

सुमित ने पुलिस की ओर से की गई पूछताछ में बताया कि किसी वजह से दिव्यांशु से उसकी दोस्ती टूट गई थी। इसी वजह से दोनों में तकरार हो गई। नौबत यहां तक पहुंच कि सुमित ने दिव्यांशु का फोन उठाना और मेसेज का जवाब देना भी बंद कर दिया। हालांकि जब दोनों में गहरी दोस्ती थी तो वे एफटीआई के जंगल में मिलते थे। सात सितंबर को दिव्यांशु जंगल में पहुंचा, जहां वे पहले मिला करते थे। दिव्यांशु ने जंगल से सुमित को फोन किया और कहा कि उसके लिए जंगल में एक सरप्राइज है। पुरानी मिलने वाली जगह के पास आ जा।

सुमित ने बताया कि जब वह जंगल में पहुंचा तो पेड़ से दिव्यांशु की लाश लटक रही थी। दिव्यांशु ने फंदा बनाने के लिए उस लाल टी-शर्ट का इस्तेमाल किया, जो सुमित ने उसे तोहफे में दी थी। दिव्यांशु की लाश देखते ही सुमित ने जंगल के बाहर सड़क पर खड़े एक दूसरे दोस्त को बुलाया। इसके बाद दोनों ने दिव्यांशु की दीदी को वीडियो कॉल कर लटकी लाश दिखाई। तभी बहस होने पर सुमित ने धमकाया भी। इसके बाद वहीं पड़े हेक्सा ब्लेड से फंदा काटकर शव को नीचे उतारा। सीओ नितिन लोहनी ने बताया कि जांच चल रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है। सुमित यादव और एक अन्य युवक से पूछताछ की जा रही है।

मौत से तीन दिन पहले जलाए सारे तोहफे

दिव्यांशु और सुमित अच्छे दोस्त थे। सुमित अक्सर दिव्यांशु को तोहफे दिया करता था। कभी शर्ट, कभी जैकेट और कभी टेडी बीयर। दिव्यांशु को जब इस बात का यकीन हो गया कि अब दोस्ती में पड़ी दरार नहीं भरेगी तो उसने सुमित के दिए सारे तोहफे तीन दिन पहले जला दिए। इसके बाद उसने सुमित को फोन कर इसकी जानकारी भी दी।

एप से हुई दोनों की दोस्ती

पुलिस जांच में सामने आया है कि दोनों की दोस्ती एप से हुई थी। इस एप में हल्द्वानी के कई लड़के जुड़े हैं। एप से दोनों ने मोबाइल नंबर की अदला-बदली की। डेढ़ साल पहले शुरू हुआ यह सिलसिला लंबे समय तक सिर्फ मेसेज के जरिये आगे बढ़ा। करीब एक साल पहले दोनों कॉलेज के पास स्थित एक पार्क में मिले और दोस्ती होते ही मुलाकातों का सिलसिला आम हो गया।

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