इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2022 और निजीकरण के विरोध में बुधवार को देशभर के बिजली कर्मचारी दिल्ली में प्रदर्शन करेंगे। इसमें उत्तराखंड से भी इंजीनियर व अन्य कर्मचारी शामिल होंगे। ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे ने बताया कि देशभर के बिजली कर्मचारी दिल्ली में होने वाले इस प्रदर्शन में शामिल होंगे।

प्रदर्शन सुबह 11 बजे जंतर मंतर से शुरू होगा। नेशनल को-ऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स के तहत ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन, इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया पावर डिप्लोमा इंजीनियर्स फेडरेशन, ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज, इंडियन नेशनल इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज फेडरेशन और विभिन्न राज्यों में कार्यरत स्वतंत्र संगठन इसमें शामिल होंगे।

शैलेंद्र दुबे ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से संसद के मानसून सत्र में जिस प्रकार अलोकतांत्रिक ढंग से इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2022 को लोकसभा में प्रस्तुत किया गया, उससे देशभर में बिजली कर्मचारियों में गुस्सा है। विभिन्न प्रांतों से बिजली कर्मचारी दिल्ली में प्रदर्शन में हिस्सा लेने आ रहे हैं।

राज्यों में एसईबी लिमिटेड का पुनर्गठन करने की मांग
दुबे ने बताया की बिजली कर्मचारियों की मुख्य मांग है कि इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2022 और निजी करण की सारी प्रक्रिया वापस ली जाए। बिजली निगमों का एकीकरण कर केरल में केएसईबी लिमिटेड और हिमाचल प्रदेश में एचपीएसईबी लिमिटेड की तरह सभी राज्यों में एसईबी लिमिटेड का पुनर्गठन किया जाए। सभी बिजली कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन बहाल की जाए।

तेलंगाना व पंजाब की तरह सभी राज्यों में आउटसोर्स और संविदा पर कार्यरत बिजली कर्मचारियों को नियमित किया जाए। नियमित पदों पर नियमित भर्ती की जाए और बिजली को मौलिक अधिकार घोषित किया जाए। उन्होंने केंद्र सरकार को चेताया है कि अगर उन्हें विश्वास में लिए बिना अमेंडमेंट बिल संसद में पारित किया गया तो इसके विरोध में राष्ट्रव्यापी आंदोलन होगा।

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