बागेश्वर : बकरियां चराने जंगल गए एक युवक की चट्टान से गिरकर मौत हो गई है। स्वजन गंभीर घायल को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कपकोट लाए। जहां से जिला अस्पताल रेफर किया।

यहां से उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया। युवक ने भवाली के आसपास एम्‍बुलेंस में दम तोड़ दिया। ग्रामीणों में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर आक्रोश है। जिला मुख्यालय से लगभग 80 किमी दूर बाछम गांव निवासी हीरा सिंह 45 वर्ष पुत्र त्रिलोक सिंह गांव बुग्लयों की तरफ भेड़-बकरियां चराने गया था।

नीचे की तरफ लौटते समय चट्टान से फिसल गया। गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे स्वजन और ग्रामीण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाए। प्राथमिक उपचार हुआ और जिला अस्पताल रेफर कर दिया।

पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया
जिला अस्पताल के डाक्टरों के अनुसार घायल के सिर में गंभीर चोट थी। जिसकी जांच आदि की सुविधाएं यहां नहीं हैं। उसे हायर सेंटर रेफर किया गया। युवक ने हल्द्वानी पहुंचने से पहले भवाली के आसपास एम्‍बुलेंस में दम तोड़ दिया। बुधवार को पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया। जिसे स्वजनों को सौंप दिया है।

घटना के बाद स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। युवक अपने परिवार का एकमात्र कमाऊ था। भेड़-बकरी और मजदूरों कर घर चलता था। उसकी तीन पुत्रियां और एक पुत्र है। गांव के चंचल सिंह, प्रकाश सिंह आदि ने पीड़ित परिवार को आपदा मद से मुआवजा देने की मांग की है।

कपकोट की स्वास्थ्य सुविधाएं भगवान भरोसे
देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। लेकिन कपकोट तहसील के सुदूरवर्ती गांवों की स्वास्थ्य सेवाएं आज भी भगवान भरोसे हैं। यहां बीमार, घटना में घायल होने वाले अधिकतर लोग अस्पताल तक नहीं पहुंच पाते हैं। सीएससी और जिला अस्पताल आज भी रेफर की भूमिका निभा रहे हैं।

बाछम गांव के ग्रामीण 80 किमी तक घायल हीरा सिंह को जिंदा जिला मुख्यालय तक ले आए। लेकिन उसे हल्द्वानी तक नहीं पहुंचा सके। ग्रामीणों ने कहा कि जनप्रतिनिधि दावे करते हैं, लेकिन धरातल पर हकीकत कुछ और है।

पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की जरूरत है। इधर, विधायक सुरेश गढ़िया ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं पर कपकोट में पहले से बेहतर किया जा रहा है।

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