यूट्यूबर सौरभ जोशी के बयान कि ”हल्द्वानी और उत्तराखंड की पहचान उनके वीडियो से बढ़ी है” ने प्रदेशवासियों को आक्रोशित कर दिया है। सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक ब्लॉगर सौरभ जोशी के खिलाफ गुस्सा फूट गया है।

लोगों का कहना है कि उत्तराखंड की पहचान सैनिकों के बलिदान, चार धाम, हसीन वादियों से है। और ये पहचान आज की नहीं है बल्कि सदियों से है।

हाल ही में हल्द्वानी निवासी यूट्यूबर सौरव जोशी ने अपने ब्लॉग में कहा था कि हल्द्वानी और उत्तराखंड को कोई नहीं जानता था लेकिन उनके वीडियो की वजह से आज हल्द्वानी और उत्तराखंड रोजाना यूट्यूब पर ट्रेंड कर रहा है। सोशल मीडिया पर लोग सौरभ के खिलाफ कई मीम्स शेयर कर गुस्सा जाहिर कर रहे हैं।

शिवसेना ने फूंका पुतला
राजीव नयन बहुगुणा ने कहा कि यह दावा तो कभी वीर चंद्र सिंह गढ़वाली, गोविंद वल्लभ पंत और सुंदर लाल बहुगुणा ने भी नहीं किया। वहीं शिव सेना नेता ने सौरभ जोशी का पुतला फूंका। उन्होंने कहा कि यूट्यूब से शोहरत पाने वाले सौरभ भूल गए हैं कि नैनीताल की पहचान अंतरराष्ट्रीय है।

उन्होंने आगे कहा कि यहां कई हस्तियों ने देश-दुनिया में नाम कमाया, लेकिन किसी ने अपने नाम से पहचान होने की तारीफ नहीं की। सरकार को तुरंत इस मामले का संज्ञान लेते हुए, यूट्यूबर के खिलाफ राज्यद्रोह का मुकदमा दर्ज करना चाहिए।

पुतला दहन करने वालों में पूर्व सैनिक बलवंत सिंह मेर, दिनेश नेगी, दिनेश संगेला, पंकज मेहरा, राम सिंह नेगी, ज्वालादत्त पलड़िया, सूरज मौर्य, वीरेंद्र बर्गली, रवि वर्मा, बाबू अंसारी, नौशाद खान, मिलन कुमार आदि मौजूद रहे। इस बारे में सौरभ जोशी ने चुप्पी साध ली है।

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