भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि जोशीमठ में विरोध करने के लिए वामपंथी संगठनों के लोग दिल्ली, मुंबई और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से जोशीमठ आए हैं। उन्होंने स्थानीय लोगों को बरगलाकर राहत एवं पुनर्वास कार्यों को प्रभावित करने का आरोप भी लगाया। कहा कि चीन संघर्ष के दौरान वामपंथी लोगों के राष्ट्रविरोधी कारनामे आज भी मौजूद हैं।

भट्ट ने कहा कि एक ओर दुश्मन देश चीन भारत के आखिरी गांव तक अपने ढांचागत विकास को मजबूत कर रहा है। उसने आसपास पॉवर स्टेशन, सड़कें तथा सामरिक तैयारियां की हैं। वहीं, वामपंथी ऐसा वातावरण तैयार कर रहे हैं, जो राष्ट्र विरोधी ही माना जाएगा।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने एक वीडियो संदेश में यह सफाई भी दी कि उन्होंने किसी स्थानीय निवासी को आंदोलन से रोकने की बात नहीं कही। वह स्थानीय लोगों को वामपंथी विचारधारा वाले संगठनों से सचेत करना चाहते हैं। कहा कि ऐसे संगठनों की रुचि राहत और पीड़ितों के पुनर्वास में कम और अपना एजेंडा साधने में अधिक है।

राहत पुनर्वास के काम में बाधा
यह ताकतें नहीं चाहती कि सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास के काम हों और हमारी सामरिक ताकत मजबूत हो। लोगों के दिल में चीन संघर्ष के दौरान इनके राष्ट्र विरोधी कारनामे आज भी मौजूद हैं। लिहाजा देवभूमि की राष्ट्रवादी जनता इनके छलावे में नहीं आने वाली है।

प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने कहा कि यह ऐसी पहली सरकार है जो विस्थापन के सर्वश्रेष्ठ विकल्पों के अमल में प्रभावित पक्षों से सुझाव ले रही है। वहीं, हिंदी-चीनी भाई-भाई के नारे लगाने वाले स्थानीय लोगों को भड़का कर राहत पुनर्वास के काम में बाधा डाल रहे हैं।

उन्होंने धामी सरकार का आपदा प्रभावितों को पुनर्वास की दृष्टि से तीन विकल्प देने के निर्णय का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि आज हमारे लिए स्थानीय लोगों के व्यवसाय व रोजगार को बचाने के लिए पर्यटन गतिविधियों, वर्तमान शीतकालीन एवं आगामी चारधाम यात्रा को इस संकट से बचाते हुए सुचारु रखना प्राथमिकता में है। केंद्रीय विशेषज्ञ एजेंसियां रिपोर्ट तैयार कर रही हैं। स्वयं प्रधानमंत्री मोदी राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं।

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