केदारनाथ धाम में आज सुबह से ही मौसम खराब बना हुआ है। धाम में बारिश और बर्फबारी जारी है। लेकिन इसके बाद भी बाबा के केदार के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। सोनप्रयाग से सुबह छह बजे तक 1520 श्रद्धालुओं को केदारनाथ के लिए रवाना किया गया। वहीं, धाम में पहले से मौजूद श्रद्धालुओं को टोकन व्यवस्था के जरिए दर्शन कराए जा रहे हैं।

केदारनाथ में रात 11 से सुबह पांच बजे तक भक्तों की बुकिंग की गई पूजाएं हो रही हैं। कपाट खुलने के बाद अभी भीड़ के चलते सिर्फ षोडषोपचार अभिषेक पूजा हो रही है। साथ ही सुबह पांच बजे से धर्म दर्शन शुरू हो रहे हैं जो अपराह्न तीन बजे तक हो रहे हैं। इसके बाद शाम पांच बजे से सांयकालीन आरती तक श्रृंगार दर्शन कराए जा रहे हैं।

वहीं, केदारनाथ में बाबा के मंदिर के कपाट खुलने के दिन से ही दोपहर बाद अक्सर बर्फबारी हो रही है। इससे जहां यात्रियों को दिक्कतें झेलनी पड़ रही है वहीं प्रशासन व पुलिस को व्यवस्थाएं जुटाने में खासी मशक्कत करनी पड़ रही है।

एसडीएम अजयवीर सिंह और जीएमवीएन के क्षेत्रीय प्रबंधक सुदर्शन खत्री का कहना है कि बर्फबारी से टेंट क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। पैदल मार्ग पर लिनचोली से केदारनाथ व केदारपुरी के रास्तों में कीचड़ हो रहा है।

वहीं, केदारनाथ मंदिर के पीछे विशालकाय दिव्य शिला के दर्शनों के लिए सैकड़ों भक्त पहुंच रहे हैं। आपदा में इसी दिव्य शिला ने मंदाकिनी नदी के सैलाब से मंदिर की सुरक्षा की थी। यह दिव्य शिला लगभग छह फीट ऊंची और 10 फीट से अधिक लंबी है।

केदारनाथ के तीर्थपुरोहित श्रीनिवास पोस्ती बताते हैं कि यह विशालकाय शिला नदी के सैलाब के साथ बहकर कहां से आई इसका जवाब आज तक कोई नहीं खोज पाया है। आपदा के बाद 11 सितंबर को पुन: मंदिर के कपाट खोलकर पूजा-अर्चना शुरू की गई और इस शिला को दिव्य शिला नाम दिया गया।

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