कोटद्वार में रिखणीखाल प्रखंड के अंतर्गत गाडियूपुल व आसपास के गांव में नजर आ रहे बाघ को बीती रात ट्रेंकुलाइज कर पिंजरे के कैद कर दिया गया। बाघ को नैनीताल चिड़ियाघर के पशु चिकित्सक डॉ. हिमांशु पांगती और डॉ. आरएस उनियाल के नेतृत्व में टीम को ट्रैंकुलाइज किया गया।

बीती 13 अप्रैल को बाघ ने रिखणीखाल ब्लॉक के ग्राम डला में बुजुर्ग वीरेंद्र सिंह को निवाला बना दिया था। इस घटना के बाद वन विभाग ने बाघ को ट्रेंकुलाइज कर पकड़ने का प्रयास किया। लेकिन, बाघ विभाग को चकमा देता रहा। गांव में लगातार दो बाघ नजर आ रहे थे। लेकिन, वन महकमा उन्हें नहीं पकड़ सका।

इस बीच 25 अप्रैल की शाम विभाग ने ग्राम डल्ला से लगे ग्राम जूई में एक बाघ को ट्रेंकुलाइज कर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के अंतर्गत ढेला रेस्क्यू सेंटर में भेज दिया गया। कुछ दिन की शांति के बाद करीब दो सप्ताह पूर्व एक बार फिर ग्राम डल्ला में बाघ नजर आया।

पिछले करीब दो माह से बाघ की तलाश में जुटी टीम को बीती रात सफलता मिल गई। वन क्षेत्राधिकारी एमएस रावत ने बताया कि बीती रात ग्राम अजीतपुर के समीप बाघ को ट्रेंकुलाइज कर पिंजरे में कैद कर दिया गया। फिलहाल बाघ को मैदावन रेंज कार्यालय में रखा गया है। जहां से उसे भी कार्बेट भेजे जाने की उम्मीद है।

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