कांवड़ मेले को लेकर पुलिस ने यातायात रूट डायवर्जन प्लान लागू कर दिया है। नौ से 17 जुलाई तक शहर में भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। अलग-अलग तिथियों में यातायात प्लान की व्यवस्था बदलती रहेगी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि कांवड़ मेले को लेकर यातायात प्लान जारी कर दिया गया है। मेले में भीड़ के मद्देनजर अलग-अलग दिन के हिसाब से प्लान तैयार किया गया है।
ये होगा रूट डायवर्जन
– हरिद्वार में यातायात का दवाब अधिक होने पर दिल्ली मेरठ की तरफ से आने वाले सभी वाहनो को नंगला इमरती सर्विस लेन एनएच 334 से लंढौरा लक्सर होते हुए हरिद्वार भेजा जाएगा।
– पंजाब और सहारनपुर से हरिद्वार जाने वाले वाहनों को भगवानपुर एनएच-344 से बिझौली अब्दुल कलाम चौक से नंगला इमरती सर्विस लेन से भेजकर लंढौरा लक्सर होते हुए हरिद्वार भेजा जाएगा।
– देहरादून और अन्य पर्वतीय क्षेत्रों की तरफ जाने वाले सभी वाहनों को रामपुर तिराहा, मुजफ्फरनगर यूपी से डायवर्ट कर देवबंद गागलहेडी मोहंड होते हुए देहरादून एवं पर्वतीय क्षेत्रो में भेजा जाएगा।
– नजीबाबाद और कुमाऊं की तरफ जाने वाले सभी वाहनों को विलासपुर तिराहा से डायवर्ट कर मीरापुर, बिजनौर होते हुए नजीबाबाद से कुमाऊं क्षेत्र में भेजा जाएगा।
– सामान्य दिनों में नजीबाबाद और कुमाऊं की तरफ जाने वाले सभी वाहनों को नंगला इमरती सर्विस लेन एनएच 334 से लंढौरा लक्सर- बालावाली से बिजनौर होते हुए नजीबाबाद से होकर कुमाऊं भेजा जाएगा।
– दिल्ली मेरठ मुजफ्फरनगर से देहरादून जाने वाले सभी वाहनों को बिझौली सर्विस लेन अब्दुल कलाम चौक से भगवानपुर एनएच-344 से मंडावर और मोहंड होते हुए देहरादून एवं पर्वतीय क्षेत्र में भेजा जाएगा।
इन तिथियों में रहेगी ये व्यवस्था
– दो जुलाई से आठ जुलाई तक आवश्यक सेवाओं में प्रयुक्त होने वाले वाहनों के अतिरिक्त सभी भारी वाहनों का सुबह पांच बजे से रात 11 बजे तक शहर में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।
– नौ से 17 जुलाई तक आवश्यक सेवाओं में प्रयुक्त वाहनों के अतिरिक्त सभी भारी वाहनों का शहर में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।
– दो जुलाई से सात जुलाई तक सभी वाहन सामान्य रूप से पूर्व से निर्धारित रूट पर ही चलेंगे।
– आठ जुलाई से 15 जुलाई तक कांवड़ मेले में आने वाले सभी छोटे-बड़े वाहनों का पार्किंग स्थलों के लिए डायवर्जन किया जाएगा।
– आठ जुलाई से 17 जुलाई तक जिले की सीमा से हरिद्वार शहर की तरफ प्रवेश करने वाले सभी छोटे-बड़े वाहनों का वैकल्पिक मार्गों से डायवर्जन किया जाएगा।