देहरादून: उत्तराखंड में समाज कल्याण विभाग को यह तक नहीं मालूम कि वह जिन्हें पेंशन बांट रहा है, वो जिंदा हैं या मुर्दा। क्योंकि, विभाग में पेंशनधारकों के जीवन सत्यापन की कोई व्यवस्था ही नहीं है। विभाग पेंशनधारकों की मृत्यु की सूचना के लिए नगर निकायों और ग्राम पंचायतों पर निर्भर है। यह जानकारी भी छह माह में एक बार होने वाली खुली बैठक में दी जाती है। विभाग प्रदेश में चार श्रेणियों (वृद्धावस्था, विधवा, किसान और दिव्यांग) में हर माह करोड़ों रुपये बतौर पेंशन जारी करता है। अकेले देहरादून जिले में ही एक लाख 393 पेंशनधारक हैं। इन्हें हर माह 15 करोड़ 36 लाख नौ हजार 900 रुपये पेंशन के रूप में जारी किए जाते हैं।