उत्तरकाशी। हर्षिल घाटी में बहुतायत मात्रा में होने वाली गुच्छी मशरूम का व्यवसायीकरण करने की अनुमति देने की मांग उठने लगी है। भाजपा के जनजाति मोर्चा के जिलाध्यक्ष भवान सिंह राणा ने वन मंत्री सुबोध उनियाल को इस संबंध में ज्ञापन भेजा है। साथ ही गुच्छी मशरूम का परमिट देने की मांग की गई है। जिससे हर्षिल घाटी के होम स्टे में गुच्छी मशरूम की सब्जी प्रमुख डिश बन सके।

बगोरी निवासी भवान सिंह राणा ने कहा कि हर्षिल घाटी में सेब के बगीचों से लेकर आसपास के जंगल में वर्षा काल के सीजन में आकाशीय बिजली चमकने के दौरान प्रकृति रूप से गुच्छी मशरूम उगती है। सेब के बगीचों में उगी मशरूम का ग्रामीण उपयोग करते हैं। लेकिन, इस मशरूम का व्यवसायीकरण नहीं कर पा रहे हैं।

अब दिलाएंगे गुच्छी का स्वाद
इसके अलावा हर्षिल घाटी में जो पर्यटक होम स्टे में आते हैं वह भी गुच्छी मशरूम की मांग करते हैं। परमिट न होने के कारण ग्रामीण इस गुणकारी सब्जी का स्वाद पर्यटकों को भी नहीं दिला पाते हैं। जबकि उत्तराखंड की हिमालय पहाड़ी क्षेत्र में पर्यटन और स्वास्थ्य की दृष्टि से गुच्छी की सब्जी महत्वपूर्ण डिश बन सकती है। इसका आनंद लेने के लिए पर्यटक बड़ी संख्या में होम स्टे में ठहरेंगे। साथ ही इस व्यवसाय से युवा भी जुड़ सकते हैं।

अब बढ़ेंगे पर्यटक
वैसे उत्तराखंड में अब बर्फबारी का सीजन शुरू हो गया है और इसी के साथ ही पहाड़ों पर पर्यटकों की संख्या भी बढ़ने लगी है। बर्फ पड़ते ही लोग पहाड़ों पर घूमने जाते हैं। बता दें कि हर्षिल घाटी वो जगह है जहां पर्यटक होम स्टे का आनंद लेने पहुंचते हैं।

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