खटीमा में अपने हाथों से लाडले की जिंदगी फिसलने के बाद से नीतू बदहवास है। वह लगातार कपिल-कपिल पुकार रही है। शुरू-शुरू में तो उसका करुण क्रंदन दूर-दूर तक सन्नाटे को चीर रहा था लेकिन बाद में उसकी यह धीरे-धीरे धीमा होता चला गया। हर कोई मां के विलाप से सहम सा गया।

शीलाबाबा, धूलिया पलिया (पीलीभीत) निवासी नीतू का पति गणेश विश्वास इन दिनों धान रोपाई के लिए कर्नाटक गया हुआ है। मासूम की मौत के बाद परिजनों ने काफी देर तक तो उसे सूचना नहीं दी। बाद में जब गणेश को फोन कर दुर्घटना के बारे में बताया गया तो वह फोन पर ही रोने लगा। जिस बेटे का माथा चूमकर वह परिवार के भरण-पोषण के लिए कुछ दिन पहले घर से निकला था, अब कभी उसका मुस्कुराता चेहरा नहीं देख पाएगा।

इधर जिस दौरान कपिल गोद से फिसलकर गड्ढे में गिरा, नीतू ने उसे बचाने के लिए पानी में खूब हाथ पैर मारे। उसने गड्ढे में डूबे कपिल को पकड़कर निकालने के लिए कई प्रयास किए। सफलता नहीं मिलने पर वह मदद के लिए चिल्लाई। मदद करो-मदद करो, मेरे बच्चे को बचा लो… की आवाज सुनकर लोग तो पहुंचे लेकिन तब तक देर हो चुकी थी और मासूम कपिल की सांसें थम गईं थी। बार-बार अपने कलेजे के टुकड़े का नाम लेते हुए नीतू कह रही है कि उसे क्या पता था कि जिस बच्चे को वह अपने मायके लाई थी उसे दोबारा घर नहीं ले जा पाएगी। मां की हालत देख निशा और भारत भी रोते रहे। इन मासूमों को अभी यह अहसास नहीं हुआ है कि उनका छोटा भाई अब इस दुनिया में नहीं रहा।

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