देहरादून: पूर्वांचल के नागरिकों का प्रमुख चार दिवसीय छठ पर्व शुक्रवार आज से नहाय-खाय के साथ शुरू हो जाएगा। इसके लिए अधिकांश घाटों की सफाई करने के साथ ही प्रकाश की व्यवस्था की गई है।
पूर्वा सांस्कृतिक मंच व बिहारी महासभा की ओर से देहरादून के विभिन्न घाटों पर बेहतर व्यवस्था बनाने के लिए कार्य किया गया। वहीं, बाजार में छठ पूजा के लिए खरीदारी के लिए जमकर भीड़ उमड़ी।
सूर्य उपासना करने से प्रसन्न होती है छठी मइया
आचार्य डा. सुशात राज के अनुसार, मान्यताओं के अनुसार छठी मइया भगवान सूर्य की बहन है।
इस पर्व में दोनों की पूजा की जाती है।
छठ का व्रत कठिन माना जाता है।
मान्यता है कि सूर्य उपासना करने से छठी मइया प्रसन्न होती है और पुत्र, दीर्घायु, परिवार को सुख शांति और धन-धान्य से परिपूर्ण करती है।
उन्होंने बताया कि पर्व के दूसरा यानी खरना वाले दिन रात में खीर खाकर 36 घंटे के लिए कठिन व्रत रखा जाता है।
इस पर्व को खासा उत्साह के साथ मनाते हैं बिहार के लोग
- संतान प्राप्ति और खुशहाल जीवन की कामना के लिए कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा की जाती है।
- बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में इस पूजा का काफी महत्व है।
- देहरादून की बात करें तो यहां बिहार के लोग इस पर्व को खासा उत्साह के साथ मनाते हैं।
- कोरोनाकाल के बाद इस बार छठ पर्व को खुलकर मनाने को लेकर नागरिकों में खूब उत्साह नजर आ रहा है।
- सहारनपुर चौक, हनुमान चौक में महिलाओं ने बांस का सूप, डाला, दउरा, गन्ना, नारियल आदि की खरीदारी की।
- इसके अलावा प्रसाद के लिए दाल, लौकी, कद्दू की भी खूब खरीदारी हुई।
- आज भी बाजार में पूजा सामग्री के लिए भीड़ रहेगी।