देहरादून : प्रदेश में पीएमश्री योजना में चिह्नित होने वाले 190 प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय आसपास के सरकारी विद्यालयों के लिए माडल और संसाधन केंद्र के रूप में काम करेंगे।
प्रत्येक ब्लाक में एक प्राथमिक और एक माध्यमिक विद्यालय का चयन किया जाएगा। प्रत्येक जिले को विद्यालयों के चिह्नीकरण के निर्देश दिए गए हैं। इस योजना के क्रियान्वयन पर पीएमओ की नजर रहेगी, ऐसे में सरकार विद्यालयों के चयन में पूरी सतर्कता बरत रही है।
इन राजकीय विद्यालयों का चयन किया जाएगा
पीएमश्री योजना के अंतर्गत उन्हीं राजकीय विद्यालयों का चयन किया जाएगा, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में निर्धारित किए गए मानकों को पूरा करते हैं। प्रदेश में इस योजना में 95 प्राथमिक और 95 माध्यमिक विद्यालय चिह्नित किए जाएंगे।
इन विद्यालयों के पास अपना पक्का भवन, प्रधानाध्यापक अथवा प्रधानाचार्य समेत समस्त स्टाफ होना आवश्यक है। साथ में बालकों व बालिकाओं के लिए अलग-अलग शौचालय होने चाहिए। मिड डे मील की सुव्यवस्था के साथ किचन शेड और किचन गार्डन को भी देखा जाएगा।
चयनित विद्यालयों का निदेशालय स्तर पर परीक्षण
शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मानकों को पूरा करने वाले विद्यालयों के चिह्नीकरण के निर्देश विभाग को दिए गए हैं। जिलों में ऐसे विद्यालयों का चयन कर निदेशालय स्तर पर इसका परीक्षण किया जाएगा।
पीएमश्री योजना में विद्यालयों के चयन पर अंतिम निर्णय केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का होगा। पीएमश्री योजना के पोर्टल पर जिलों को विद्यालयों का ब्योरा दर्ज करना होगा। मानक पूरे करने वाले विद्यालयों को इस योजना में सम्मिलित किया जाएगा। कोई भी माडल विद्यालय इस योजना का हिस्सा नहीं बनेगा।
पीएमश्री पोर्टल पर एक वर्ष में चार बार आवेदन
पीएमश्री पोर्टल पर एक वर्ष में चार बार आवेदन किया जा सकेगा। ऐसे में शिक्षा विभाग को विद्यालयों के संबंध में अपनी तैयारी पुख्ता रखनी पड़ेगी। शिक्षा मंत्री डा रावत ने बताया कि चयनित विद्यालय आसपास के विद्यालयों के लिए नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन का उदाहरण भी बनेंगे।
इन सभी विद्यालयों में नई नीति को पुख्ता ढंग से क्रियान्वित किया जाएगा। निकटस्थ विद्यालयों के बच्चे और शिक्षक इन विद्यालयों का भ्रमण करेंगे। पूरे देश में ऐसे 14500 विद्यालयों का चयन होना है।